देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम से

सूट बूट की सरकार का धोती-कुर्ता बजट।

नई दिल्ली। सूट बूट(राहुल गांधी के शब्दों में) की सरकार ने पांच राज्यों के चुनाव और नोटबंदी को सुखद बनाने के लिए”धोती कुर्ता”बजट पेश किया है। दर नहीं दायरा बढ़ाने की नीति के तहत आयकर में राहत दी गईं है।
पहले देश की 10 प्रतिशत आबादी का बजट आता था अब 90 प्रतिशत आबादी का बजट है। हरेक व्यक्ति के लिए बजट में कुछ न कुछ है। अप्रत्यक्ष रूप से यूपी के लिए बहुत कुछ दे दिया है।
पंचायतों के लिए मनेरगा योजना में राशि बढ़ाकर सरपंचों को सीधा संदेश दिया गया है। किसान,मजदुर,महिला,युवा और बुजुर्गों के लिए लोकलुभावन वादे किए गए है। यूपी की जनता को सीधा सन्देश है हमारे साथ चले और विकास का आंनद ले।
नोटबंदी से उपजी नारजगी को दूर करने के लिए आयकर छूट की सीमा बड़ा दी है,स्लैब में कर की दरें कम की गईं है।
कारपोरेट जगत ले लिए कारपोरेट टेक्स की दर कम की गईं है। छोटी कंपनियों को राहत मिली है।
युवा,रोजगार और अवसर पर फोकस किया गया है।
कैशलेस अर्थव्यवस्था के लिए ज्यादा कुछ नही है। संघ के विचारको की मंशा के अनुरूप कैशलेस की जगह लेसकैश व्यवस्था की दिशा में कदम बढ़ाए गए है। नकदी उपयोग की सीमा तय कर डिजिटल पेमेंट को ज्यादा तव्वजो दी गई है पर अभी भी इस पर चार्ज को लेकर असमंजस बरक़रार है।
बहरहाल मोदी जी की जिद को जेटली ने संघ और चुनाव की दृष्टि से बजट में करीने से समावेश किया है।

राजनीतिक दलों के चंदे का युक्तियुक्तकरण करके मोदी ने चुनाव सुधार की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। परोक्ष रूप से नेताओं और राजनीतिक दलों सरकार की आगामी मंशाओं से भी अवगत करा दिया है।
सूटबूट पर आखिरकार धोती कुर्ता हावी रहा है।

प्रकाश त्रिवेदी@samcharline