प्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

सुरेश सोनी कर रहे है शिवराज सरकार की “समीक्षा”।

उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार संघ की विशिष्ठ “समीक्षा”के दायरे में है। सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी सरकार के प्रदर्शन और नेतृत्व की सफलता की “समीक्षा”कर रहे है जिसे वे अपनी”दूरदृष्टि और तथ्यपरक प्रतिवेदन”के साथ संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में पेश करेंगे।
गौरतलब है कि सुरेश सोनी की मध्यप्रदेश की सियासत में गहरी रुचि और हस्तक्षेप दोनों रहे है। संघ भाजपा का समन्वय देखते हुए भी उनकी सक्रियता का केंद्र मध्यप्रदेश ही रहा है।
व्यापम घोटाले की आंच उन के तई संघ के श्रेष्ठी वर्ग तक महसूस होने के बाद उन्हें अध्ययन अवकाश पर जाना पड़ा।
अब इतिहास,पुरातत्व और खगोल विज्ञान के विद्वान् सोनी ने “प्रक्टिकल पॉलिटिक्स” का भी अवकाश के दौरान अध्ययन कर लिया है लिहाजा अब उनकी देह भाषा और शब्दिता भी राजनीति के मापदंडों के अनुरूप हो गयी है।
नर्मदा सेवा यात्रा में उनकी शिवराज के साथ मौजूदगी ने इस तथ्य को रेखांकित किया है।
शिवराज के साथ उनकी”केमेस्ट्री” अपचन की रही है पर नर्मदा सेवा यात्रा में भगवा ध्वज थामने में शिवराज के साथ वे निर्लिप्त भाव से खड़े रहे है।
संघ-भाजपा में उनका घराना कैलाश विजयवर्गीय,थावरचंद गहलोत,लक्ष्मीकांत शर्मा,प्रभात झा, जैसे दिग्गजो से सुशोभित रहा है। कतिपय नव धनकुबेरों के साथ भी उनकी निकटता चर्चा में रही है।
अध्ययन अवकाश और स्वास्थ्य लाभ के बाद वे अब फिर रंगत में है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ शरू से ही उनका गुजरात कनेक्शन रहा है।
आजकल सुरेश सोनी संघ के राजऋषि की भूमिका में है। मध्यप्रदेश में संघ के आयामों के अंतर्गत कितना काम हुआ है,13 साल में ग्राम विकास से लेकर विद्या भारती,सेवा भारती और जनाधार बढ़ाने के प्रकल्पों में सरकार और संगठन की कितनी सहभागिता रही है यह सब समीक्षा के दायरे में है।
शिवराज के प्रति उनकी असहिष्णुता इस समीक्षा को कितना निर्लिप्त रखेगी इसको लेकर श्यामला हिल्स में बैचेनी है।
बहरहाल सोनी फिर से सियासत को साधने के लिए तैयार है फर्क सिर्फ इतना है कि अब उनके इर्दगिर्द दागदार चेहरे नजर नहीं आ रहे है।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline