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राम मंदिर बनाने में मुसलमानों को भी इस्लामिक होना चाहिए ! – ओजस मंत्र

इस्लाम के मायने कुछ और है !


भारत के कई मुसलमान अयोध्या में मंदिर ना बनाये जाने और मस्जिद के पुनर्निर्माण के लिए कुछ भी बोल रहे है. देश की मीडिया इसे तमाशे की तरह दिखा रही है. आदिकवि वाल्मीकि ने रामायण में जो लिखा वो गलत है. आदिकाव्य गलत लिख दिया गया. हद है भाई सहने की भी एक सीमा होनी चाहिए.
अगर इस्लाम का ईमान ये है कि जिस धरती पर 1528 में मीर बाक़ी ने जबरन मस्जिद बनवा दिया और फिर से उसी जगह पर मस्जिद बनना चाहिए तो मै इसका घोर विरोध करता हूं .
1949 से लगातार सेकुलरिज्म (सर्व धर्मं समभाव) का भार ढ़ोते-ढ़ोते संविधान भले ना थके मगर अब हिन्दुत्व इसको भार समझने लगा है. हिजरत बना, मक्का और मदिना तक सही है. मगर अयोध्या जहाँ राम पैदा हुए थे. जहाँ पर वैष्णव धर्म और सूर्यवंशी भगवान राम ने जन्म लिया था, उस पवित्र स्थान पर इस्लाम ने डेरा डाल लिया और अब हिंसा करने की कवायद पर उतर आया है. इससे तो पैगम्बर भी सहमत नहीं होंगे. आप अयोध्या पर मस्जिद का निर्माण नहीं किए थे. अयोध्या पर वैष्णव धर्म पर इस्लाम के प्रचार को प्रचलित करने के मनसूबा लेकर आये थे.
मक्का में अगर राममंदिर बनाये जाने की बात किसी पाक मस्जिद के स्थान पर ही होती, उस समय भी आप निश्चिंत होकर ऐसे बेतुके बयानों के फेहरिस्त को सह पाते.

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इस्लाम के एकेश्वरवाद में ऐसा कही नहीं मिलता कि आप दूसरे मजहबों का सम्मान करना छोड़ दे .
आपने राम को पढ़ा नहीं. समझने की कोशिश भी नहीं की और अवैध मस्जिद को कोर्ट तक लेकर पहुंच गए .
हिन्दूओं ने किसी मस्जिद को 17 बार लूटा था क्या ? गजनवी ने सोमनाथ को लूटा था. इससे कोई मुँह नहीं मोड़ सकता.
मै जितना सम्मान राम का करता हूं, उतना ही एक विचारक की समझ रखने वाले मोहम्मद साहेब का भी करता हूं.
मगर वर्तमान का इस्लाम पैगम्बर मोहम्मद से कोसों दूर खड़ा है. मोहम्मद ने हमेशा लोगो का भला चाहा. वर्चस्व की लड़ाई करना मध्यकालीन शहंशाहों का काम था. इस्लाम और कुरान का तो बिल्कुल भी नहीं.
मै निवेदन करता हूं कि मंदिर कार्य में भारत के मुसलमान उदारवादी रूख अपनाये. इस बार हिंसा नहीं होनी चाहिए.

(यह लेखक के अपने विचार है | )

लेखक –

अभिजीत पाठक ‘ओजस

{लेखक ने पत्रकारिता की पढाई इंडिया टुडे मीडिया इंस्टिट्यूट से की | “अस्तित्व “संस्था से २०१० से जुड़े है | “न्यूज़ बाज़ार” में सब-एडिटर है | युवा कवि है  | वर्ड प्रेस पर ब्लॉगर है |  }