देशप्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

“मोदी इफेक्ट” और “योगी शैली” के असर में शिवराज।

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर मोदी इफ़ेक्ट साफ साफ नजर आने लगा हूँ। मोदी इफ़ेक्ट के साथ साथ शिवराज को योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली अनुकरणीय लग रही है। मोहनखेड़ा में भाजपा कार्यसमिति की बैठक के बाद से ही “बदले बदले हुए सरकार नजर आने लगे है”। सहज सरल शिवराज अब सख्त,और कुशल प्रशासक भी बनना चाहते है। उन्होंने बदलाव शुरू कर दिया है। मंगलवार को टिफिन पार्टी के साथ हुई कैबिनेट की बैठक में “एक अलग शिवराज का उदय हो गया है।
गौरतलब है मोहनखेड़ा में शिवराज ने अपने मंत्रियों को लेकर खासी नाराजगी जताई थी,बाद में भारत उदय अभियान में मंत्रियों की गैरहाजिरी को लेकर भी वे गंभीर हुए थे। अब केबिनेट बैठक में मंत्रियों और विभागीय अधिकारियों के प्रति सख्ती दिखाकर उन्होंने व्यापक बदलाव की दिशा में अपने इरादे जाहिर कर दिए है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की तर्ज पर शिवराज ने भी मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा शुरू की है। विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में मंत्रियों की रुचि अरुचि पर सवाल खड़े किए है। अंतर विभागीय मतभेदों पर पहली बार सख्ती दिखाई है। और साफ साफ संकेत दिया है कि उनके निर्देशों को कमतर न समझा जाए।
शिवराज ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली के अनुरूप मंत्रियों और उनके विभागीय अफसरों को एक साथ बिठाकर उनके कामकाज की समीक्षा भी शुरू की है। ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कते समझी जा सके और मंत्रीयों और उनके अधिकारियों के बीच का तालमेल भी पता चल सके।
मुख्यमंत्री शिवराज अपनी योजनाओं को लेकर भी संजीदा नजर आने लगे है। घोषणाओं का क्या हुआ? योजनाएं जमीनी स्तर पर किस रूप में पहुंच रही है? हितग्राहियों को लाभ मिल रहा है या नही? क्रियान्वयन में क्या क्या कठनाई है?। जैसे सवाल शिवराज पूछने लगे है।
जिलों में प्रभारी मंत्री व्यवस्था को लेकर भी शिवराज खासे नाराज है। उन्होंने अपने प्रभार वाले जिलो में नही जाने वाले मंत्रियों को फटकार भी लगाई है। हालांकि मंत्रियों का साप्ताहिक शेड्यूल तय है पर कुछ ही मंत्री इसका परिपालन करते है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का तीन दिवसीय दौरे प्रस्तावित है इसके पूर्व शिवराज अपनी सरकार की छवि सुधारने में लग गए है। उनकी सरकार पर अफसरशाही के हावी होने के आरोप लगते रहे है। कतिपय अफसर ही सरकार चला रहे है यह भी कहा जाता रहा है। कई मंत्री मंत्रीमंडल की सामूहिकता के विपरीत काम करते है,शिवराज के निर्देश भी नही मानते है।
अपनी सहज सरल छवि को कुशल नेतृत्व और सख्त प्रशासक की छवि में रूपांतरित करना चाहते है,शिवराज। लिहाजा उन्होंने बदलाव शुरू कर दिया है। पहले कई अफसर इस बदलाव का शिकार होने वाले है फिर कुछ मंत्री भी इस दायरे में आ सकते है। शिवराज अब मुलाहजा छोड़कर कठोर और अप्रिय निर्णय लेने वाले है ताकि बदलाव का सख्त संदेश नीचे तक जा सके।
बहरहाल मोदी- योगी प्रभाव में शिवराज का बदलाव क्या रंग लाता है देखना दिलचस्प होगा।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline