प्रकाश त्रिवेदी की कलम सेभोपालमध्य प्रदेश

शिवराज की ट्रांसफर नीति से मंत्री,विधायक नाराज।

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मोदी-योगी की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी मंत्रियों और विधायकों को ट्रांसफर,पोस्टिंग् से दूर रखना चाहते है। केबिनेट में लाई गई इस साल की ट्रांसफर नीति को लेकर मंत्री और विधायक खासे नाराज है। रामपाल सिंह सहित कई मंत्रियों ने कैबिनेट में ही इस नीति के मसौदे से असहमति व्यक्त की है।
गौरतलब है कि इस साल की ट्रांसफर नीति पर मोदी-योगी की कार्यशैली की छाप दिखाई दे रही है। पूरी प्रक्रिया ऑन लाइन कर दी गई हैं। आवेदन और ट्रांसफर लिस्ट भी ऑन लाइन कर दिए गए है।
इसके अलावा मंत्रियों के हस्तक्षेप पर नकेल कस दी गई है। प्रमुख सचिव एवं विभाग प्रमुख स्तर पर ट्रांसफर बोर्ड बनाए गए है। मंत्री सिर्फ अनुसंशा ही कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि कई मंत्रियों की अपने प्रमुख सचिव व विभागाध्यक्ष से पटरी नही बैठती है। इस कारण ऐसे मंत्रियों का ट्रांसफर को लेकर उनसे टकराव होना तय है।
केबिनेट की बैठक में मंत्रियों ने इसी बिंदु से मुख्यमंत्री शिवराज को अवगत कराया था। लेकिन शिवराज ने मंत्रियों की असहमति को तव्वजो नही दी।
पूरी ट्रांसफर प्रक्रिया अफसरों के इर्दगिर्द ही केन्द्रित होने से मंत्रियों और विधायकों को अपने पसंद के ट्रांसफर,पोस्टिंग् कराने में असहजता महसूस होगी।
हालांकि मंत्रियों की असहमति को ध्यान में लाते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से यह जरूर कहा है कि मंत्री सीधे ट्रांसफर कर सके इस सम्बंध में नियम देख ले।
2018 में विधानसभा चुनाव होना है। विधायकों की चिंता अपने अपने क्षेत्र में पसंद के अधिकारियों की पदस्थापना को लेकर है।
लेकिन ट्रांसफर नीति में ऑन लाइन प्रक्रिया होने से विधायकों को अनुसंशा करने में भी असुविधा महसूस हो रही है।
केबिनेट की बैठक के तुरंत बाद मंत्रियों और विधायकों में इस नीति को लेकर खूब चर्चा रही।
कुछ वरिष्ठ मंत्री संगठन स्तर पर इस मुद्दे को उठाने जा रहे है। क्योंकि भाजपा संगठन ,संघ तथा अनुसांगिक संगठनों से भी ट्रांसफर की सिफारिशें आती है।
बहरहाल लंबे इंतजार के बाद ट्रांसफर नीति आ तो गई है लेकिन उनसे अफसरों की दखलंदाजी से जनप्रतिनिधियों में निराशा भी है।
देखना है शिवराज किस तरह अपने मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी दूर करते है।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline