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कभी कभी ह्रदय वह देख लेता है जो आँख देख नहीं पाती !

लेख समाचार लाइन |

“कभी कभी ह्रदय वह देख लेता है जो आँख देख नहीं पाती | ” यह एच जैक्सन ब्राउन जूनियर का प्रसिद्ध उद्धरण हैं जिसमें समस्त दर्शन समा सकता है | यह मानव जीवन का शाश्वत सत्य हमें अनुभव कराता है | यह हमें जीवन जीने का पाठ पढ़ाता है | इस विचार से एच जैक्सन ब्राउन जूनियर जीवन के प्रति संवेदनशील लेखक मालूम होते है | जिसने मानव जीवन एवं उसके पहलुओं को समझ लिया , वहीँ अच्छा मनुष्य बन पाता है |

आँखों की शक्ति दृष्टि है तो ह्रदय की शक्तियां श्रद्धा , आस्था और विश्वास है | आँखें समक्ष मौजूद वस्तु देख पाती है तो ह्रदय समस्त संसार की विराटता एवं व्यापकता का दर्शन कराता है | आँखें केवल वहीँ चीज़े देखती है जो वो देखना पसंद करती है परन्तु दूसरी ओर ह्रदय हर बात , हर घटना , हर चीज़ के बारे में सोचता है , विचारता है एवं निष्कर्ष निकालता है | कहा जाता है कि बुरा मत बोलो, बुरा मत सुनो और बुरा मत देखो | अर्थात हम यह निर्णय ले सकते हैं कि हमारी आँखों को क्या और क्या नहीं देखना चाहिए परन्तु हम ह्रदय को नियंत्रित नहीं कर सकते है | ह्रदय केवल अच्छे संस्कार , विचार एवं व्यवहार से नियंत्रित हो सकता है |

हृदय मानव शारीर का सबसे पवित्र अंग है | आँखें तो कर्मेंद्रीय है | ह्रदय की आवाज़ अंतरात्मा की आवाज़ होती है | ह्रदय में परमपिता परमेश्वर का वास होता है | ह्रदय कभी भी भौतिकता की और नहीं बल्कि नैतिकता की और आकर्षित होता है | हमने ईश्वर को नहीं देखा है परन्तु हमारा ह्रदय हमें आभास कराता है कि ईश्वर प्रकृति के कण-कण में विद्यमान है एवं हमारे ह्रदय में भी विराजमान है | हमारी आँखें ईश्वर को खोजती है परन्तु ईश्वर तपस्या और भक्ति के बिना नहीं मिलते | जो कभी ईश्वर से विभक्त न हो सके वही सच्चा भक्त होता है | हमारी आँखें ईश्वर की मूर्ति को सामान्य समझती है परन्तु हमारा ह्रदय उन्हें सर्वोत्तम मानकर पूजा-अर्चना करता है | हम प्रार्थना भी हृदय से करते है | आँखें भौतिक संसार में विलीन रहती है परन्तु हमारा ह्रदय आध्यात्मिकता में लीन रहता है |

“ दुनिया की सबसे अच्छी और सुन्दर चीजें देखा या छुआ नहीं जा सकता है , उन्हें सिर्फ दिल से महसूस किया जाना चाहिए | “

हेलेन केलर

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ह्रदय से रक्त संचार होने के साथ भावनाओं का संचार भी होता है | ह्रदय के भावों में निर्मलता होती है | कवितायें हृदय से उपजे भावों से ही तो लिखी जाती है | आँखें जो देखती है वह कवि नहीं मानते परन्तु जो ह्रदय कहता है उसे अपनाते है | ह्रदय भावों का स्त्रोत है एवं हर पक्ष पर विचार  करने वाला है | कवि का मस्तिष्क देश , समाज के बारे में सोचता है तो ह्रदय उसमें अमूल्य भाव मिलाकर कविता पेश कर देता है |

हमारी द्रष्टि अच्छी – बुरी हो सकती है परन्तु ह्रदय अच्छा बुरा नहीं होता है | ह्रदय निश्छल होता है |  कभी कभी हमारी आँखें एक भिक्षु के वस्त्रों की निंदा करती है परन्तु हमारा ह्रदय दयालुता का प्रदर्शन करता है | कभी कभी हमारे आँखें आकर्षक चीज़ों की तरफ ललचाती है तो हमारा ह्रदय हमारा सही एवं सटीक मार्गदर्शन करता है | कभी कभी हमारी आँखें मां के डांटने को उनकी क्रूरता बता देती है तो हमारा ह्रदय दबे स्वर में जवाब देता है कि मां तुम्हारे लिए चिंतित रहती है , वह तुम्हारा अच्छा ही चाहेंगी | कभी कभी आँखें किसी मित्र के पास बहुमूल्य वस्तु देखकर लालायित होती है एवं उसकी चाह करती है परन्तु यह ह्रदय कहता है कि वास्तव में तो वह वस्तु का कोई मूल्य है ही नहीं वह तो केवल ‘प्रदर्शन संस्कृति’ का हिस्सा है | कभी कभी आँखें किसी के रूदन करने को उसकी मूर्खता बता देती है तो ह्रदय उसके प्रति संवेदना व्यक्त करता है |

“ आँखों को धोखा देना आसान है l लेकिन, दिल को धोखा देना आसान नहीं है |”

अल पसीनो

 

कभी कभी आँखें ह्रदय के किसी भाव को जागृत करने का माध्यम बन सकती है परन्तु देखा जाये तो ह्रदय की अपनी ही आँख होती है | ह्रदय मस्तिष्क की तरह अनेक बिन्दुओं पर नहीं विचारता परन्तु एक सही निर्णय लेता है | जब दो लोगों के बीच में प्रेम होता है तो आँखें तो आकर्षण के षड्यंत्र का भाग बन जाती है परन्तु ह्रदय प्रेम को समझता है | जब हमारे ह्रदय में विराजमान ईश्वर किसी अन्य के ह्रदय में विराजमान ईश्वर को पहचान लेते है तब प्रेम होता है – सत्यता से निपुण प्रेम |

एच जैक्सन ब्राउन जूनियर इस उद्धरण द्वारा मानव समाज को बताना चाहते है कि आँखें केवल बाह्य रहस्य जानती हैं परन्तु हमारा ह्रदय गुह्य रहस्य जानता है | जब हम जीवन में सफलता का परचम लहराते है तो हमारी आँखें हमें यह दिखाती है कि हम सफल हो गये , परन्तु हमारा हृदय उस सफलता के पीछे की कठिन तपस्या को ध्यान में रखकर अत्यंत उत्साहित हो जाता है | हमारी आँखों से ख़ुशी नहीं झलकती बल्कि हमारे ह्रदय के भाव से झलकती है |

जीवन भी एक विद्यालय है | जिस तरह कक्षा में हमारी आँखें शिक्षक के पढ़ाने के तरीके को देखती है परन्तु हमारा ह्रदय उन शिक्षक की विनम्रता, ज्ञान , कुशलता , आदि का सम्मान करता है | हमारी आँखें किताबों में झांकती है परन्तु हमारा ह्रदय ज्ञान की और आकृष्ट होता है | कहते भी है कि जो भी काम करो उसे मन लगा के करो | उसी तरह जीवन के विद्यालय में भी यह उद्धरण सत्य साबित होता है | यह हमें सिखाता है कि हमें किस तरह जीवन में आँखों के आकर्षण को नहीं बल्कि ह्रदय के भावों को महत्व देना चाहिए |

 

  • आदित्य त्रिवेदी