प्रकाश त्रिवेदी की कलम सेभोपालमध्य प्रदेश

कोलारस-मुंगावली उपचुनाव- प्रतिष्ठा पर निष्ठा भारी पड़ी।

भोपाल। कोलारस और मुंगावली उपचुनाव में भाजपा की हार से यह साबित हो गया कि सरकार और भाजपा संगठन की प्रतिष्ठा से आगे महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति क्षेत्र के लोगो की निष्ठा ने ज्यादा असर दिखाया।
मतगणना के रुझानों को बारीकी से देखे तो यह जीत कांग्रेस की नही है,यह सौ फी सदी महाराज की जीत है।
गौरतलब है कि कोलारस और मुंगावली से 2013 में कांग्रेस के उम्मीदवार 25-25 हजार से ज्यादा के अन्तर जीते थे। अब चार अंको की जीत ने जता दिया है कि मतदाता महाराज को पसंद करते है उनके उम्मीदवार पर उन्हें ज्यादा भरोसा नही है। सिंधिया के लिए भी यह एक सबक है।
भाजपा को इस हार से कई सबक लेने है। हालांकि इस हार का सरलीकरण यह कह कर किया जा सकता है कि यह सीटे पहले से ही कांग्रेस के पास रही है, हमने तो हार का अंतर कम किया है। भाजपा के लिए यह हार आत्मालोकन का अवसर हैं।
पार्टी को समझना होगा कि स्थानीय कार्यकर्ताओं को किनारे कर के कोई चुनाव नही जीता जा सकता है। 14 साल की सत्ता का एहसास जब तक कार्यकर्ता को नही होगा तब तक भाजपा का चुनाव प्रबंधन कागजों पर तो मजबूत दिखेगा पर जमीन पर दम तोड़ देगा।
उम्मीदवार चयन में चूक,मतदाताओं का मनोविज्ञान समझे बिना प्रचार अभियान चलाना, नेताओं, मंत्रियों,संगठन मंत्रियों की अनावश्यक भीड़ तैनात करना,जातिगत समीकरण में नकारात्मक छवि वाले नेताओं को लगाना जैसे कारणों से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है।
14 साल की सत्ता के बाद सरकार विरोधी भावनाओं का होना लाजमी है लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की प्रदेश व्यापी छवि अभी भी काफी हद तक असरदार है। गरीब और सरकारी योजनाओं के हितग्राही अभी भी उनके साथ है।
कोलारस-मुंगावली उपचुनाव ने खतरे की घंटी बजा दी है। भाजपा को अपने देवदुर्लभ कार्यकर्ताओं को अबेरना होगा। सत्ता के पंचामृत को बांटना होगा। पंजीरी तो कतिपय लोग खा ही रहे है।
बहरहाल कोलारस-मुंगावली ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को सबक दे दिए है। भाजपा के लिए अपना घर ठीक करने और अपने कार्यकर्ताओं को बची खुची पंजीरी बांटने का सबक है। कांग्रेस को ज्योतिरादित्य सिंधिया को नजरअंदाज करना राजनीतिक रूप से महंगा पड़ सकता है। सिंधिया को चेहरा न बनाकर कांग्रेस अपनी निर्गुण भक्ति से सत्ता के साकेत को प्राप्त नही कर सकती है।

प्रकाश त्रिवेदी@samacharline.com