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जुमलों की बजाए गृहमंत्री को हटाएं -नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह

भोपाल 15 मार्च 2018। नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा है कि प्रदेश में महिलाएं असुरक्षित हैं। उनका घर से बाहर निकलना दूभर हो रहा है। वे त्रस्त होकर आत्महत्या कर रही हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपने गृहमंत्री के कार्य का आंकलन कर तत्काल उन्हें पद से हटा देना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि सरकार एक्शन मोड की बजाए पुलिस के सख्त कार्यवाही के निर्देश, महिलाओं पर नहीं होगा अत्याचार जैसे जुमलों का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के पिछले 6 माह में घटित घटनाओं, एन.सी.आर.बी. की रिपोर्ट में बलात्कार में नंबर वन होने के बाद भी ऐसे कोई कदम नहीं उठाए जिससे अपराधियों, बदमाशों में पुलिस का खौफ पैदा करे।
नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा कि प्रदेश में आज कानून व्यवस्था की स्थिति मदतर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि छात्राएं, महिलाएं जब बदमाशों से तंग आकर आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाएं तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर हालात कितने बदतर हैं। श्री सिंह ने भोपाल, जबलपुर और बैतूल में पिछले तीन दिन में छेड़छाड़ से पीड़ित तीन छात्राओं द्वारा आत्महत्या करना बताता है कि स्वयंभू मामा बनकर घूम रहे शिवराज सरकार में महिलाओं, बालिकाओं और छात्राओं का जीना दुशवार हो गया है। श्री सिंह ने कहा कि 29 जून को मुख्यमंत्री के ही जिले में एक छात्रा ने छेड़छाड़ से परेशान होकर फांसी लगा ली। अगस्त 2017 में इंदौर में छेड़छाड़ से परेशान 9 वीं की छात्रा ने आत्महत्या की थी। 6 सितंबर को सागर में भी छात्राओं की ऐसी ही घटना में आत्महत्या करना पड़ी। यही नहीं 9 सितंबर को गुना में माता-पिता ने छेड़छाड़ की शिकायत की तो बदमाशों ने तलवार से हमला कर दिया। 23 अक्टूबर को दमोह जिले के हटा में एक पिता को इसलिए जिंदा जला दिया क्योंकि उसने अपनी बेटी से छेड़छाड़ करने वाले बदमाशों को रोका था। भिंड जिले के रौन में एक युवती के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर 27 अक्टूबर को दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी।
श्री सिंह ने कहा कि इन घटनाओं के बाद भी महिला सुरक्षा के लिए चिंतित न होना बताता है कि मुख्यमंत्री ने फांसी का कानून बनाने के लिए विधानसभा में जो विधेयक पारित करवाया वह पाखंड हैं उन्होंने कहा कि अगर सरकार में इच्छाशक्ति होती तो मौजूदा कानून ही अपराधियों पर अंकुश रखने के लिए काफी है। लेकिन मुख्यमंत्री का ध्यान तो वाहवाही कैसे लूटी जाए इस पर रहता है। उन्होंने बड़े गर्व के साथ महिलाओं से प्रायोजित सम्मान करा लिया लेकिन जो घटनाएं दिन-प्रतिदिन घट रही हैं क्या वे मुख्यमंत्री के सम्मान के लायक है। प्रदेश बलात्कार में नंबर वन है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राजनीतिक और वसूली अभियान से पुलिस तंत्र को इतना नकारा कर दिया है कि आई.जी. स्तर के अधिकारी सड़कों पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बताता है कि मुख्यमंत्री ने अपने 13 साल के राज में प्रदेश में पुलिस तंत्र का प्रभाव और अपराधियों पर खौफ खत्म कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा कि स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के 13 वर्ष में मध्यप्रदेश को महिलाओं के लिए असुरक्षित प्रदेश बना दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महिलाओं, बालिकाओं के नाम पर संवेदनशील होने का पाखंड करते हैं लेकिन स्थिति यह है कि आज प्रदेश के इतिहास सर्वाधिक असुरक्षित हैं।