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खबरों से झल्लाए आबकारी अधिकारी की पत्रकारों को राय निगेटिव मत छापो पत्रकार वार्ता के लिए फोन तक करना उचित नहीं समझा सिर्फ सोश्यल मीडिया पर जारी कर दिया वार्ता का मैसेज

देवास। जिले में कई स्थानों पर देशी शराब बनाने का धंधा चल रहा है, जिसको लेकर विभाग को भी जानकारी है की किन स्थानों पर शराब बनाई व बेची जाती है, इस प्रकार के धंधो लिप्त कई लोग हैं, जो विभाग की जानकारी में है। इस प्रकार से देशी शराब बनाते हुए गत दिवस मुखबिर की सूचना के आधार पर आबकारी विभाग ने कार्यवाही करते हुए पाँच लोगों को गिरफतार किया है।

जिला आबकारी अधिकारी मनीष खरे ने आबकारी विभाग में मीडिया कर्मियों को बुलाया जहाँ उन्हें साफ तौर पर कह दिया की आप लोग आरोपियों से कोई चर्चा नहीं करेंगे, जो भी पूछना है, मैं बताऊंगा। इस पर उन्होनें बताया की जिले के ग्राम नेवरी में मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई की पिछले पाँच-छ: दिनों से वहां एक मकान में कुछ लोग मिलकर नकली शराब बना रहे हैं। जिस पर जिला अधिकारी ने टीम गठीत कर एडीओ अनिल कुमार माथुर के साथ आबकारी अधिकारी प्रेमनारायण यादव, महेश पटेल निलेश नेमा, राजकुमारी मण्डलोई, शालीनी सिंह के साथ मौके पर पंहुचे जहां आरोपी विजय भदौरिया इन्दौर, पुष्पेन्द्र भदौरिया इन्दौर, जगन खरगोन, देवी प्रसाद इन्दौर व दिपक निवासी बागली जिला देवास को गिरफतार कर उनके पास से शराब बनाने की पाँच मशीने, 11पेटी शराब जो लगभग 117 बल्क लीटर बताई गई है। इसके साथ करीब 15 लीटर स्प्रीट भी इन आरोपियों से जपत किया है। जिनकी अनुमानित किमत लगभग 50 – 60 हजार रूपये बताई गई है। वहीं विभाग के द्वारा की गई कार्रवाई से एक बात जगजाहिर हो गई है की उक्त कार्रवाई के पीछे महज टारगेट रहा होगा, जिससे कई बातें अधिकारी गोल भी कर गये। इन आरोपियों आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इस संबंध में विवेचना जारी है।
स्प्रीट मिलाकर बनाते थे शराब
जिला आबकारी अधिकारी ने बताया की आरोपीगण देसी शराब बनाने की मशीन लाये और स्प्रीट अधिक मात्रा में मिलकार शराब बनाने का काम कर रहे थे। जबकि जानकारों के मुताबिक स्प्रीट के साथ पानी भी मिलाना होता है, मगर आरोपीगणों ने स्प्रीट की मात्रा अधिक रखी थी। आबकारी अधिकारी प्रेमनाराण यादव के मुताबिक इस प्रकार से शराब बनाये जाने पर ओव्हर प्रुफ शराब बनाई जाती है। जिससे शराब पीने वाले लोगों की आँखों की रोशनी तक जा सकती है। इन आरोपियों ने ग्राम नेवरी में एक मकान किराये से लिया वहां ये पाँचों आरोपी शराब बनाते पाये गए थे। जिन्हें घेरा बंदी कर गिरफतार किया गया। इन आरोपियों आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इस संबंध में विवेचना जारी है।
किसके संरक्षण में 
जिला आबकारी अधिकारी ने जब कहा कि मुखबिर से सूचना मिली थी, जबकि असलियत कहने पर कुछ और ही है, जब अधिकारी खुद कह रहे है कि पिछले पांच-छः दिनों से उक्त तरीके से शराब बनाई और हो सकता है, विक्रय वही की गई हो तो कुछ गलत नहीं होगा। वैसे बाहरी सूत्र तो ये भी बता गये की अधिकारी जी के सरंक्षण में धंधा जोरों पर चल रहा है। इस पर कह सकते है कि जब अधिकारी के खास सरंक्षणकर्ता ये कह रहे है तो इसमें कोई शक नही की मामला अधिकारी के सरंक्षण में था, उच्चाधिकारी के कहने पर व कहे तो असली ठेकेदार के कहने पर ही दबिश डालकर नाम ऊंचा करने की सोच जिला आबकारी अधिकारी ने बनाई थी। अगर ये सत्य है तो असल में अधिकारी पर कार्रवाई होना चाहिए।
पत्रकारों को राय निगेटिव मत छापो
जिला आबकारी अधिकारी मनीष खरे ने मौजूद मीडिया कर्मियों से कहा की अभी तक तो हमारे विभाग की खबरें विरोध में आपके द्वारा प्रकाशित होती थी। मगर अब तो हमारे लिये पक्ष में खबर प्रकाशित करे । अधिकारी ने ये भी कहा की हम जो खबरें जारी करते हैं वो आप प्रकाशित ही नहीं करते। गौरतलब है कि आबकारी विभाग की समस्त खबरें जिला जनसंपर्क से जारी होती है, जब-जब भी आबकारी विभाग की खबरें आती हैं, तो उनके द्वारा की जा रही कार्रवाई की प्रकाशित की जाती है। लेकिन इस विषय पर आबकारी अधिकारी खरे का इस तरह पत्रकारों से कहना कई प्रश्रों पर सवाल खडे कर रहा है। वही उखड़े अधिकारी ने पत्रकार वार्ता के लिए फोन तक करना उचित नहीं समझा, सिर्फ सोश्यल मीडिया पर जारी कर दिया वार्ता का मैसेज, पत्रकारों को बैठने तक की व्यवस्था नही की गई इसके अलावा पत्रकारें को खबरें कैसी प्रकाशित करना इसकी बात कह गए।
खटारा जीप की जप्ती……!!
अधिकारी के बताये अनुसार एक जीप भी मौके से जप्त की गई थी, जीप को देख लगता ही नहीं की इस जीप से आरोपी व्यवसाय संचालित करते होंगे। इस महिन्द्रा जीप की हालत देख लगता ही नहीं की इससे होगा इन आरोपियों से व्यवसाय।
टारगेट या कुछ छुपाया…….!!
विभागीय अधिकारी ने जो जानकारी मीडिया कर्मियों को दी है, उससे ये लगता है कि जप्त देशी शराब व शराब बनाने की मशीनों में कुछ धांधली हुई है। वहीं अगर आरोपी पिछले पाँच-छ: दिनों से शराब बना रहे थे, तो बाजार में नकली शराब का व्यवसाय भी किया होगा, उस पर जिला अधिकारी आई-गई कर गये। इससे जगजाहिर है कि माह मार्च व विभाग का महज टारगेट पूरा करना था, इसलिये उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया।