अमित बागलीकर
देवास। पोलिथीन के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के निर्देश न्यायालय द्वारा दिये गये जिसके बाद नगर पालिका निगम की टीम ने शहर में कुछ स्थानों पर पोलिथीन पकडने का अभियान भी चलाया बावजूद इसके पोलिथीन का उपयोग थमा नहीं है। सब्जी वाले के पास देखो, किराना व्यापारी के पास देखो पोलिथीन मिलना आम बात है, खासकर दूध की डेयरी पर पोलिथीन का उपयोग ही होता है। निगम अधिकारी जिस तरह से बताते हैं की पोलिथीन को व्यावसायियों से लेकर जप्त कर कार्रवाई की है। असल में जहाँ जप्ती बताई गई है, वहां पर शुभ-लाभ का सात्विक ऐसे अधिकारी बना लेते हैं, जप्ती कागजों पर दिखा देते हैं।
पूर्व में अमानक स्तर की पोलिथीन के उपयोग पर कोर्ट ने प्रतिबंध लगाया था, जिसके कारण पोलिथीन पैकिंग में आने वाली वस्तुएं तक नगर निगम की टीम ने जप्त की थी। इनमें गुटखा पाउच पैकिंग की मात्रा सबसे अधिक थी। पिछले दिनों कोर्ट ने हर प्रकार की पोलिथीन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया जिसके बाद नगर पालिका निगम ने कुछ समय पहले शहर की विभिन्न दुकानों पर छापे मारकर हजारों रुपये की पोलिथीन बरामद की साथ ही व्यापारियों को पोलिथीन का उपयोग न करने की हिदायत भी दी थी, लेकिन कागजों पर पकड़कर चालानी कार्यवाही कर उक्त अभियान थम गया और शहर में किसी भी प्रकार की पोलिथीन का उपयोग बंद नहीं हो पाया।
यहाँ फल-फूल रही पोलिथीन
खासतौर पर अमानक स्तर की पोलिथीन जो मिट्टी में नष्ट तक नहीं होती उसका उपयोग करते हुए व्यापारी सब्जी, फल, दूध आदि का विक्रय कर रहे हैं। हालांकि नगर निगम की टीम ने कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है। महज छोटे व्यापारीयों पर चालानी कार्यवाही कर समाचार पत्रों में अपनी उपलब्धी के प्रेस नोट जारी किये थे। लेकिन उसके बाद पोलिथीन बरामद करने का अभियान बंद हो गया। निगम की घोर लापरवाही के बाद फिर बाजार में पोलीथीन का उपयोग धड़ल्ले से शुरू है।