बगीचे को बना मारा पार्किंग का अड्डा…..?
मुखर्जी नगर के बगीचे बेहाल……!!
अमित बागलीकर
देवास। गर्मी का मौसम आते ही बच्चे खेलने के लिये गार्डन को ढूंढते हैं, और गार्डन अगर बच्चों को खाली मैदान की तरह मिल जाये तो फिर बच्चों को कुछ नहीं चाहिए। मगर नगर पालिका निगम ने बच्चों को तो छोड़ो बुजुर्गों को सुबह-शाम टहलने के लिये भी किसी रहवासी क्षेत्र में गार्डन के लिये भूमि रिक्त नहीं छोड़ी। इस पर बच्चे बेबस होकर कालोनियों में बनी सड़कों को गार्डन व मैदान की भूमिका में देखते हुए वहीं अपनी तिकड़ी के साथ खेल आरंभ कर देते हैं, जिसमें कभी कोई हादसा हो तो कौन जिम्मेदार होगा, ये सोचनीय प्रश्र है। जहाँ रहवासी क्षेत्र में गार्डन हैं, तो वहां के क्षेत्रीय निगम पार्षद को इनकी कोई फिर्क नहीं ऐसे में बच्चे तो ठीक है, मगर क्षेत्र के बुजुर्गों को टहलने के लिये भी कोई सुविधाजनक स्थान ही नहीं मिलता। शहर में मुखर्जी नगर में बना एक बगीचा है, जहाँ आलम यह है कि वहां रहवासीयों के चार पहिया वाहन खड़े करने का स्टेण्ड बना दिया गया है। ताकि गर्मी के मौसम में वाहन तो कम से कम ठंडे रहें। क्षेत्रीय लोगों सेे पूछा गया की वाहन पार्किंग किसके कहने पर की गई हैं तो उन्होनें स्पष्ट शब्दों में कह दिया क्षेत्रीय पार्षद के कहने पर वाहनों को पार्किंग स्थल में खड़ा किया है।
स्कूल की छुट्टियां खत्म होते ही बच्चे अपने नाना-नानी के घर कुछ माह बिताने केे लिये आते व जाते हैं। जहाँ बच्चे शाम को क्षेत्र में मौजूद बगीचे में कुछ पल बीता सकें, और अपनी मस्ती में मस्त हो सके। मगर बगीचे में अगर क्षेत्र के ही लोग गर्मी में वाहनों को ठंडी करने के लिये बगीचे में खड़ा करें तो अखिरकार बच्चे कहाँ जाये। वैसे देखा जाये तो इन दिनों विकास के बात करने वाले निगम के आला अधिकारी के साथ जनप्रतिनिधि भी जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। बच्चों के मनोरंजन के लिए वैसे तो शहर में केवल एक ही बगीचा है, वह भी अपनी दशा पर आँसू बहा रहा है।
एकमात्र बगीचा हाल-बेहाल……!!
शहर के एकमात्र बगीचा मल्हार स्मृति मंदिर इस पार्क में बच्चों के खेलने व मनोरंजन की दुर्दशा कुछ ऐसी हो गई है, कि बगीचे में कहीं फिसल पट्टी, टूटी-फूटी है, वही रेलगाड़ी पटरी से बेपटरी हो चुकी है। इसके अलावा अन्य झूले भी बंद पड़े हैं। शहर के कालोनियों में बने बगीचों पर तो केवल हरी भरी घास भी देखी जा सकती है लेकिन बच्चों के मनोरंजन के साधन नहीं।
पार्किंग का अड्डा…..?
शहर के मुखर्जी नगर स्थित एक बगीचे में लोगों द्वारा पार्किंग का अड्डा बना दिया गया है जिसके कारण कॉलोनी के बच्चे उस बगीचे में जाने से कतराते हैं, और अपने मनोरंजन के खेल खेलने के सपने संजो कर ऐसे ही मार लेते हैं, अगर निगम शहर की कॉलोनीयों में बने बगीचों को दशा देखे तो 100 में से 90 प्रतिशत बगीचों पर नेताओं का हस्तक्षेप देखने को मिल जाता है, या फिर पार्किंग का अड्डा बना देखा जा सकता है।
पार्षद ने कहा, पार्किंग स्थल…….!
शहर में बाग-बगीचे के लिये बच्चों को यहाँ-वहाँ भटकना पड़ता है, तो बुजुर्गों को टहलने के लिये दूर तक सैर करने जाना पड़ता है। अब जब मुखर्जी नगर स्थित बगीचा है तो उसे रहवासीयों ने पार्किंग स्थल ही बना दिया। इस हालात को देखते हुए क्षेत्रीय लोगों से पूछा गया की उक्त बगीचे पर पार्किंग की व्यवस्था किसके कहने पर की गई है तो नही नाम छापने की शर्त पर क्षेत्रवासी बताते हैं कि वार्ड पार्षद ने बोला है बगीचे में पार्किंग करें।
नेताजी की कुर्सी पर…………..!
उक्त बगीचे में नेताजी के नाम लिखी कुर्सीया लगी है लेकिन उन पर इंसान तो नही पर जानवर बैठे देखे जा सकते है वही बगीचे में सुअरों का जमावडा भी लगा रहता है इसके कारण रहवासीयों के अलावा कालोनीयों के बच्चों को भी परिजानों द्वारा गार्डन में नही जाने दिया जाता है। वही नेताजी की कुर्सी पर यह लिखा है कि आपकी सेवा में हमेशा तत्पर पार्षद नरेन्द्र यादव वार्ड में समस्या हेतु संपर्क करें के साथ में मोबाईल नम्बर लिखा है लेकिन नेताजी की उक्त कुर्सी पर पार्किंग के साथ अब जानवरों का अड्डा बन गया है।
इनका कहना:-
इस विषय पर जब क्षैत्रीय पार्षद से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि मेरे द्वारा रहवासियों को बगीचे में वाहन खड़े करना नही कहा गया है साथ ही क्षैत्र में कई स्थानों पर सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है जिसके कारण हो सकता है बगीचे में रहवासयिों द्वारा वाहन पार्किंग किये गए होगें । लेकिन रहवासियों द्वारा ऐसा नही करना चहिए।
क्षैत्रीय पार्षद
नरेन्द्र यादव
सुअरों के साथ अन्य जानवरों का कब्जा
कुछ इस तरह लगी नेताजी के नाम लगी कुर्सी