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भाजपा के पितृ पुरुष की प्रतिमा पड़ी बदहाल………. जल व दुग्ध से कराया कांग्रेसियों  ने स्नान, मूर्ती को पहुंचाया महापौर निवास 

भाजपा के पितृ पुरुष की प्रतिमा पड़ी बदहाल……….
जल व दुग्ध से कराया कांग्रेसियों  ने स्नान, मूर्ती को पहुंचाया महापौर निवास 
देवास। भाजपा पार्टी के जनक कहे जाने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जिन्होनें ना सिर्फ पार्टी को आगे बढ़ाया बल्कि पार्टी में किस तरह नियमों के चलते कार्य किया जाता है उसे भी कार्यकर्ताओं को बताया, संगठन में किस तरह संगठित होकर रहा जाता है, उस पर भी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कार्यकर्ताओं को अवगत कराया था। आज भी देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यदा-कदा पार्टी के आयोजनों में जाते हैं तो वहाँ पार्टी के जनक को पहले याद कर उन्हें श्रद्धांजलि देकर कार्यक्रम को आरंभ करते है। ऐसे पार्टी के जनक कहे जाने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा का हाल बेहाल दिखाई दिया। भाजपा के पितृपुरुष श्यामाप्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा मुखर्जीनगर स्थित नगर निगम के गार्डन परिसर में बदहाली हालत में कचरे व शराब की खाली बोतलों के बीच पड़ी थी। इस प्रतिमा को शनिवार दोपहर में जब कांग्र्रेसियों ने देखा तो वे प्रतिमा को उठाकर महापौर निवास पर ले गये जहाँ दुग्धाभिषेक किया गया।
भाजपा के पितृपुरुष श्यामाप्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा मुखर्जीनगर स्थित नगर निगम के गार्डन परिसर में बदहाली हालत में कचरे व शराब की खाली बोतलों के बीच पड़ी थी। प्रतिमा के आसपास सूअर भी घूम रहे थे। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल गोस्वामी ने बताया क्षेत्रीय रहवासियों से इसकी जानकारी मिलने पर कांग्रेसजनों ने पूर्व सांसद व राष्ट्रीय सचिव सज्जनसिंह वर्मा के साथ मौके पर पहुंचकर प्रतिमा को जल व दुग्ध से स्नान करवाया। प्रतिमा पर माल्यार्पण करके अगरबत्ती लगाई। इसके बाद प्रतिमा को वहां से महापौर सुभाष शर्मा के सिविल लाइंस स्थित निवास पर सम्मान के साथ पहुंचाया। पूर्व सांसद वर्मा ने कहा कि भाजपा सत्ता के मद में अपनी ही पार्टी के महापुरुषों को भूल गई है। श्यामाप्रसाद मुखर्जी देश के महापुरुषों की श्रेणी में आते हैं, उनकी विचारधारा कांग्रेस से अलग हो सकती है लेकिन वो हमारे लिए सम्माननीय हैं। हम देश के सभी महापुरुषों को एक ही नजर से देखते हैं, मुखर्जी जी की प्रतिमा की ऐसी हालत देखकर मन पीडि़त हुआ और प्रतिमा को सम्मान के साथ महापौर के यहां पहुंचाया गया ताकि इस प्रतिमा को वो पुरानी व खंडित मूर्तियों के स्थल पर पहुंचाने के इंतजाम करें।