जिला चिकित्सालय में कलेक्टर ने किया औचक निरीक्षण
सिविल सर्जन की पत्नी चिकित्सक नदारद मिली….
कलेक्टर ने कहा अब अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं करूंगा
देवास। शहर व जिले का एक मात्र जिला चिकित्सालय जहाँ आये दिन खामियों को लेकर मरीज व उनके परिजन परेशान होते रहते हैं। चिकित्सालय में बन रही परेशानी को सुधारने के लिए पूर्व जिलाधीश आशीष सिंह ने काफी प्रयास किये, लेकिन अब भी चिकित्सालय की यथा-गथा वहीं की वहीं है। अब नए जिलाधीश श्रीकांत पांडे यहाँ आये उन्होंने चिकित्सालय का शुक्रवार सुबह औचक निरीक्षण किया, जहाँ उनकी आंखों के सामने दिखी अव्यवस्था पर वे कह गए कि अब बर्दाश्त नहीं करूंगा…..!
पूर्व कलेक्टर आशिष सिंह के स्थानांतरण होने के पश्चात अब नवीन कलेक्टर श्रीकांत पांडे ने गुरूवार को माता टेकरी के दर्शन कर पदभार संभाला । वही उन्होंने भी आते ही सबसे पहले जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया जहाँ कई प्रकार की असुविधा उन्हें देखने को मिली, वहीं अनुपस्थित रहे चिकित्सक दिखाई नहीं दिए जिस पर वे नाराज हो गए।
कलेक्टर निरीक्षण पर और प्रसुता की प्रांगण में डिलेवरी
जिलाधीश के औचक निरीक्षण के दौरान एक प्रसूता डिलेवरी के लिए आई थी, जिसे काफी देर तक सटेचर नही होने के साथ ही चिकित्सक आने के पूर्व रुकना पड़ा। जब चिकित्सक प्रसूता की डिलेवरी के लिए पहुंची और मरीज को महिला वार्ड की और दूसरी मंजिल पर ले जाने लगे उसी बीच प्रांगण में ही प्रसूता की डिलेवरी हो गई। जिसे देख जिलाधीश अत्यधिक नाराज हुए और तत्काल संबधित डाक्टर को निर्देष देकर लापरवाही पर नारजगी जताते दिखे।
बर्न वार्ड सहित कई वार्डो में पंखे-कूलर बंद……!
कलेक्टर पांडे चिकित्सालय के बर्न वार्ड में पहुंचे जहाँ गर्मी के इस मौसम में पंखे कूलर बंद दिखाई दिए। उक्त वार्ड में दो मरीज मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में गर्मी के इस मौसम में आम तौर पर हर शख्स पंखे, कूलर में रहकर दिन काट रहा है, ऐसे में बर्न यूनिट में मरीज गर्मी से झुझते दिखाई दिए जिस पर कलेक्टर ने सख्त निर्देश मौजूद सीएमएचओ को दिए।
लेबोरेट्री में परीक्षण कर्ता परेशान
कलेक्टर निरीक्षण करते हुए चिकित्सालय के लेबोरेट्री कक्ष में गये जहां सुबह 7 बजे खुलने वाली लेबोरेट्री 9 बजे खुली थी। मरीजो का उस दौरान तांता लगा हुआ था। एक महिला मरीज ने कलेक्टर को देख गुहार लगाई की समय के पूर्व अगर लेबोरेट्री आरंभ हो जाये तो समस्या खत्म हो जाये, किंतु यहाँ परीक्षण करवाने के बाद उक्त चिकित्सक को भी परीक्षण रिपोर्ट दिखाना पड़ती है, मगर काफी देर के उपरांत रिपोर्ट मिलती है, तब तक चिकित्सक अस्पताल से चले जाते हैं। कलेक्टर ने महिला के बातों को गम्भीरता से लेते हुए, तत्काल निर्देश दिए।
सीएमएचओ ने कहा मरीज खाना, खाने गया है
निरीक्षण के दौरान पुरुष वार्ड में बेड क्रमांक 14 पर नारायण नाम के एक मरीज के पलंग पर दूध की थैली रखी थी और मरीज पंलग पर नही था जिसे देख कलेक्टर ने कहा, ये मरीज कहा है तभी सीएमएचओ डॉ. सरल ने कहा कि मरीज अभी खाना, खाने गया होगा लेकिन वार्ड में उपस्थित नर्स को भी नही पता उसके पहले सीएमएचओ बोलते नजर आए ।
दो घण्टे नदारद…..
निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन की पत्नी प्रतिभा सक्सेना, व चिकित्सक शोभा राणा चिकित्सालय में अनुपस्थित थीं। जिस पर कलेक्टर पांडे ने उपस्थिति रजिस्टर देख कहा कि दोनों की पिछले चार पाच दिनों की उपस्थिति पर हस्ताक्षर नही है, वे कहाँ है, इस पर मौजूद कोई अधिकारी जवाब ना दे सका, कलेक्टर ने तत्काल कहा मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा…..!
आपातकाल वार्ड में 4 स्ट्रेचर पर 4 बॉय काम पर रहेंगे…..
आपातकाल वार्ड में स्ट्रेचर लाने ले जाने वाला महज एक ही कर्मी मौजूद रहता था। कलेक्टर के सामने एक प्रसूता की डिलेवरी चिकित्सालय के प्रांगण में हो गई थी। उस दौरान भी स्ट्रेचर ले जाने वाला समय पर मौजूद दिखाई नहीं दिया। जिस पर कलेक्टर ने सीएमएचओ को निर्देश दिए कि हर समय यहाँ पर मरीजों को लाने व ले जाने के लिए 4 स्ट्रेचर पर 4 लोग तैनात रहेंगे। सााि ही डिसपेल बोर्उ हर स्थान पर लगे होने चहिए जिसमें जो उज्ञक्टर छूटटी पर है उसका विवरण नही करें। उक्त डिसपेल बोर्ड पर उपस्थित डाक्टर किय स्थान पर है उसकी जानकारी होना चाहिए ।
एसिड की बॉटल……….!
निरीक्षण के दौरान सफाई कार्य भी किया जा रहा था, जिसके चलते, एक सफाई कर्मी ने इतना एसिड ढोल दिया था कि उसकी गन्ध से पूरे परिसर में एसिड की गंध हो गई और लोगों को उससे समस्या परेशान होना पडा
मीडिया प्रभारी को कहा, मीडिया को प्रतिदिन अवगत करावें
निरीक्षण के दौरान मौके पर करीब 10.30 बजे के दरमियान सीएमओ कार्यालय में पदस्थ मीडिया प्रभारी एस. के सिसोदिया वहाँ पहुंचे और कलेक्टर से मुलाकात की कलेक्टर ने उन्हें निर्देशित करते हुए कहा कि समय केसाथ मीडिया को चिकित्सालय की गतिविधियों के बारे में लगभग प्रतिदिन अवगत करावे, जिससे चिकित्सालय की हर खबर अखबारों, चैनलों के माध्यम से आम लोगों के बीच पहुंचे।