देवास। गत दिनों उज्जैन रोड़ स्थित ग्राम बांगर में अमलतास अस्पताल में एक युवक की गलत इंजेक्शन लगने से उसकी मौत हो गई थी। जिसके चलते परिजन अस्पताल प्रबंधक व चिकित्सकों के विरूद्ध बीएनपी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पंहुचे तो बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज की परंतु ढीली प्रवृत्ति के चलते अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसी के तहत मृतक के परिजन जनसुनवाई में कलेक्टर को गुहार लगाने पंहुचे तो वहां मृतक की माँ कलेक्टर के पैरों में न्याय की गुहार लगाते हुए गिर गई। परिजनों को बीएनपी थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह है, इस हेतु उन्होनें राजपत्रित अधिकारी से मामले की जाँच कराने की माँग की है। मामले को लेकर परिजनों का आरोप था की उनके पुत्र विशाल को मौजूद नर्स से गलत इंजेक्शन लगा दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।
ये था मामला
उज्जैन रोड स्थित अमलतास इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में उपचार के लिये भर्ती एक १८ वर्षीय युवक विशाल यादव निवासी जवाहर नगर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिजनों के अनुसार मृतक को हमेशा सर्दी रहने की शिकायत के बाद उसकी नाक का ऑपरेशन १२ मई शनिवार को किया गया था जिसके बाद वह पूर्णता स्वस्थ था। लेकिन मंगलवार १५ मई सुबह नर्स ने इंजेक्शन लगाया जिसके १० मिनट बाद ही उसकी मौत हो गई। मौत होने के बाद में अस्पताल में कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति जवाब देने के लिए परिजनों के सामने नहीं आया। एंबुलेंस में शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल लाया गया। इसके पहले भी इस अस्पताल में मरीजों के साथ दुर्वव्यवहार और खराब इलाज की शिकायतें आती रही हैं, लेकिन इंजेक्शन लगने के बाद मौत का यह पहला मामला है।
कलेक्टर कार्यालय पंहुचे
मृतक के परिजन बीएनपी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिये पंहुचे थे। जहाँ बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज की थी। इस बात पर नाराज मृतक विशाल के परिजन और मित्र मंगलवार को धरना स्थल पर इकठ्ठे हुए। उनके हाथ में अमलतास मुर्दाबाद और विशाल यादव अमर रहे लिखे पोस्टर थे। सभी रैली के रूप में नारेबाजी करते कलेक्टर कार्यालय पर पहुचें। जहा जनसुनवाई में उन्होंने न्याय की गुहार लगाई। कलेक्टर से न्याय की गुहार करते हुए मृतक छात्र विशाल की माँ शोभा यादव रोने बिलखने लगी। रोते-रोते माँ कलेक्टर के पैरों में झुक गयी और पैर पड़ते हुए अपने बेटे की मौत पर न्याय की गुहार करने लगी। मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें उठाया, कलेक्टर श्रीकांत पांडे ने उन्हें शीघ्र न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
पुलिस की जाँच अविश्वसनीय ?
परिजनों ने बीएनपी पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए नगर पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच किसी राजपत्रित पुलिस अधिकारी से कराने की मांग की है। जिस पर नगर पुलिस अधीक्षक तरुणेंद्र सिंह बघेल ने परिजनों को आश्वासन दिया कि मामले में निष्पक्ष जांच कर करवाई की जाएगी, उक्त मामले में चिकित्सक की लापरवाही का प्रकरण बीएनपी थाने में पंजीबद्ध किया गया है।