जयपुर। राजस्थान की राजनीति में गेमचेंजर कहलाने वाले वरिष्ठ नेता चंद्रराज सिंघवी कुमारस्वामी फार्मूले पर राजस्थान का मुख्यमंत्री बनना चाहते है। उनका नारा है न कांग्रेस बुरी,न भाजपा बुरी-चंद्रराज राजस्थान की राजनीति की धुरी।
राजस्थान के सियासी हलको में सिंघवी की बात को वजन दिया जा रहा है, भाजपा और वसुंधरा सरकार के प्रति गहरी नाराजगी,कांग्रेस में सचिन पायलट-अशोक गहलोत की रस्साकशी के बीच सिंघवी अपना रास्ता बनाने में लगे है।
सिंघवी 80 से 100 निर्दलीय उम्मीदवार लड़ाने की तैयारी कर रहे है, वे जातिगत समीकरण,व्यक्तिगत छवि और चुनाव लड़ने की क्षमता को देखकर उम्मीदवारों का चयन कर रहे है।
सिंघवी बताते है कि भाजपा और कांग्रेस के कई नाराज नेता उनके सम्पर्क में है।
सिंघवी का गणित है कि उनके तीस-चालीस उम्मीदवार जीत सकते हैं, इनकी ताकत पर वे कांग्रेस-भाजपा से सौदेबाजी कर सकते है।
सिंघवी का आकलन है कि राजस्थान में बदलाव की लहर है, कांग्रेस आपसी खींचतान और जातिवादी समीकरणों में उलझी है।
पूर्व में भी वसुंधरा के खास रहते हुए सिंघवी ने निर्दलीय उम्मीदवार खड़े कर भाजपा को फायदा पहुंचाया था
बहरहाल एक बार फिर सिंघवी गेमचेंजर भूमिका में है।
प्रकाश त्रिवेदी@samacharline.com