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फिर भड़की मराठा आंदोलन की आग, पुणे-नासिक हाइवे पर 30 से ज्यादा बस-ट्रक फूंके

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन की आग एक बार फिर धधक उठी. आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने कल पुणे में जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की. पुणे नासिक हाइवे पर करीब 30 से ज्यादा बसों और ट्रकों को आग के हवाले कर दिया गया और 100 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई. बता दें कि पुणे नासिक हाइवे पर कल सुबह 10 बजे शांतिपूर्ण ढंग से रास्ता रोको आंदोलन का आयोजन किया था. करीब दो घंटे तक शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चला फिर देखते ही देखते भीड़ हिंसक हो गई और आंदोलन हिंसा में तब्दील हो गया.

आंदोलनकारियों ने बसों, मालवाहक ट्रकों और प्रशासन की गाड़ियों में आग लगा दी. हिंसा में स्थानीय लोगों के साथ साथ पुलिसवाले भी जख्मी हुए हैं, फिलहाल हालात काबू में हैं. एबीपी न्यूज ने जब स्थानीय लोगों से हिंसा के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि सबकुछ शांति ढंग से चल रहा था अचानक हिंसा भड़क गई. हिंसा के पीछे उन्होंने बाहरी लोगों के शामिल होने का शक भी जताया.

मराठा आंदोलन को लेकर पुणे में हुई हिंसा का असर गुजरात में भी देखने को मिला. पुणे में आगजनी की खबर जैसे ही मिली गुजरात से महाराष्ट्र जाने वाली बसों को डांग जिले के सापुतारा हिल स्टेशन पर ही रोक लिया गया. बसों को रोकने की वजह से यात्रियों को काफी दिक्कत हुई.

फेसबुक पर लिखा- एक मराठा जा रहा है और जान दे दी
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर युवक ने कल औरंगाबाद में चलती ट्रेन के सामने छलांग लगाकर कथित रुप से आत्महत्या कर ली. मुकुंदवाड़ी थाने के वरिष्ठ निरीक्षक नाथा जाधव ने बताया कि प्रमोद जयसिंह होरे (35 वर्ष) ने कल फेसबुक और व्हाट्सएप पर लिखा था कि वह आरक्षण की मांग के समर्थन में अपनी जान दे देगा. उसने मुकुंदवाड़ी क्षेत्र में चलती ट्रेन के सामने कथित रुप से छलांग लगा दी.

पिछले एक हफ्ते में मराठा आरक्षण को लेकर यह चौथी मौत है. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, जयसिंह ने फेसबुक पर लिखा था, ‘‘आज एक मराठा छोड़कर जा रहा है…….लेकिन मराठा आरक्षण के लिए कुछ कीजिए.’’ जयसिंह ने यह संदेश मराठी में लिखा. महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी में जुटे जयसिंह ने एक अन्य संदेश में लिखा था, ‘‘मराठा आरक्षण एक जान लेगा.’’ उसके कई दोस्तों ने उससे ऐसा नहीं करने का अनुरोध किया लेकिन उसने किसी की भी नहीं सुनी.

मराठा समाज की मुख्य मांगें क्या हैं?
महाराष्ट्र में मराठा आबादी 33 फीसदी यानी करीब 4 करोड़ है. मराठा समाज 16% आरक्षण की मांग कर रहा है. पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरी में आरक्षण की मांग की जा रही है. महाराष्ट्र में 72 हजार की मेगा भर्ती पर रोक की मांग हो रही है. शिक्षा के क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग हो रही है. मराठा समाज दलित अत्याचार कानून के गलत इस्तेमाल रोकने की मांग भी कर रहा है.

दो साल से चल रहा है आंदोलन
आरक्षण के लिए मराठाओं का आंदोलन पिछले दो सालों से चल रहा है. इस आंदोलन का नेतृत्व मराठा क्रांति मोर्चा कर रहा है. पिछले दिनों औरंगाबाद में एक युवक की नदी में कूदकर जान देने के बाद आंदोलन हिंसक हो गया. मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, औरंगाबाद, नासिक, परभणी समेत कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए.

9 अगस्त को बड़े आंदोलन की तैयारी
9 अगस्त को मराठा समाज बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है. मराठा क्रांति मोर्चा के नेता विनोद पोखरकर ने कहा, ‘‘हम नौ अगस्त को अगस्त क्रांति के दिन मुंबई में विशाल रैली करेंगे. हम सरकार को अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं.’’

आंदोलन का कोई चेहरा नहीं
सीएम फडणवीस ने विशेष सत्र बुलाकर मराठा आरक्षण देने का एलान किया है. महाराष्ट्र के अहमदनगर के कोपर्डी में 2016 में मराठा समाज की नाबालिग से गैंगरेप के बाद इस आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया, लाखों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर आए. इस आंदोलन की सबसे खास बात ये है कि इसका कोई चेहरा नहीं है.