रायपुर। समय के साथ हाइटेक ठगों ने भी अपना पैटर्न बदल लिया है। कभी एटीएम ब्लाक होने का झांसा देकर एटीएम कार्ड का गुप्त कोड नंबर पूछकर खाते में सेंध लगाने वाले वालों ने अब एटीएम, डेबिट और क्रेडिट कार्डधारियों का आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल खाते में सेंध लगाने के लिए करने लगे हैं।
राजधानी रायपुर समेत जिले में ऐसी आधा दर्जन से अधिक ठगी की घटनाएं सामने आई हैं। ठगों ने मोबाइल नंबर को पहले ब्लाक करने ओटीपी नंबर भेजते हैं, उसके बाद उस नंबर को फिर से री-एक्टीवेट कराकर लोगों के बैंक खाते से लाखों की रकम उड़ाए हैं।
ऐसे बनाते हैं शिकार
पुलिस सूत्रों ने बताया कि उप्र, बिहार और झारखंड के हाइटेक ठगों ने ठगी का तरीका बदल दिया है। ठग किसी एक नंबर से लोगों को मैसेज भेजकर कौन बनेगा करोड़पति या फिर अन्य टीवी शो के नाम पर लाखों का लकी इनाम निकलने का झांसा देकर फंसाते हैं।
इस मैसेज में दो मोबाइल नंबर होते हैं, जिस पर कॉल करने पर गिरोह के सदस्य पहले कॉल करने वाले का नाम, पता आदि पूछते हैं, फिर उस नंबर की सत्यता जांचने का बहाना बनाकर छह डिजिट का एक और मैसेज भेजते हैं, जिसे बताने के लिए कहा जाता है।
यह छह अंकों का नंबर दरअसल शिकार के मोबाइल नंबर को ब्लॉक करने का ओटीपी नंबर होता है। ओटीपी नंबर हासिल करने के बाद ठग गिरोह उस नंबर को री-एक्टीवेट करा लेते हैं, फिर मोबाइलधारक का आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर से बैंक खाते का पूरा ब्योरा निकालकर खाते में जमा पूरी रकम को ऑनलाइन दूसरे खाते से ट्रांसफर कर लेते हैं।
न करें भूलकर कॉल
डीएसपी क्राइम अभिषेक माहेश्वरी ने लोगों से सावधान रहने की अपील की है। उन्होंने किसी भी अनजान नंबर से इनाम मिलने, मोबाइल, एटीएम ब्लॉक होने, आधार लिंक करने, आईटी रिफंड देने जैसे मैसेज आने पर उसकी अनदेखी करने को कहा। उनका कहना है कि कोई भी टीवी शो और मोबाइल कंपनी कभी भी नगद इनाम देने संबंधी मैसेज नहीं करती है, ठगी के यह पैतरा अब ठग गिरोह ने अपनाया है।