वॉशिंगटन। आज के दौर में लगभग हर काम इंटरनेट पर निर्भर होता जा रहा है, चाहे व्यापार हो या किसी भी तरह की खरीदारी। यहां तक कि सरकार भी लोगों को ऑनलाइन भुगतान आदि के जागरूक करने में लगी है। बढ़ती इंटरनेट की मांग और सुविधा चलते 4जी सेवा भी नाकाफी साबित हो रही है, क्योंकि सबकुछ ऑनलाइन होने से 4जी सेवा पर लोड बढ़ गया है। इसी के चलते अब कुछ कंपनियां अगले साल देश में 5जी सेवा लॉन्च करने की तैयारी में लग गई हैं।
दुनियाभर में तकनीक की यह दौड़ तेज हो गई है। कतर सबसे पहले 5जी को शुरू कर चुका है, वहीं कुछ देश तैयारी में हैं और संभवतः 2019 में भारत भी इसे लॉन्च कर सकता है। इंटरनेट सेवाप्रदाता कंपनियों के मुताबिक, 5जी पूरी तरह 4जी तकनीक से अलग होगा। यह नई रेडियो तकनीक पर काम करेगा।
कब तक आएगी 5जी की हाई स्पीड इंटरनेट सेवा
अगले साल तक कई देशों में 5जी हाई स्पीड इंटरनेट सेवा शुरू की जा सकती है। इनमें भारत, दक्षिण कोरिया, चीन, जापान और अमेरिका शामिल हैं। इन देशों की कंपनियों का दावा है कि इस सेवा के आ जाने के बाद इंटरनेट की स्पीड 10 से 20 गुना बढ़ जाएगी। जानकारी के अनुसार 5जी आने के बाद जीवन में कई बदलाव आएंगे।
जिस प्रकार 4जी आने पर उपभोक्ताओं को 2जी और 3जी मोबाइल बदलना पड़े थे, उसी तरह संभवतः 5जी के लिए भी मोबाइल बदलना पड़ेंगे। इसके लिए स्मार्ट फोन में नई चिप लगाने की जरूरत भी पड़ सकती है।
आखिर क्या है 5जी
इसे मोबाइल इंटरनेट की पांचवीं पीढ़ी माना जा रहा है, जिसकी स्पीड मौजूदा इंटरनेट स्पीड से कहीं अधिक होगी। इससे बड़े डेटा को आसानी से डाउनलोड और अपलोड किया जा सकेगा। इसका नेटवर्क उपभोक्ताओं तक कई गुना गति से पहुंचने में सक्षम होगा। यह तकनीक पूरी तरह रेडियो स्पेक्ट्रम के बेहतर इस्तेमाल का उदाहरण होगी। इससे एक साथ कई डिवाइस को इंटरनेट से जोड़ा जा सकेगा।
इतना बेहतर होगा, जिसका हम सोच भी नहीं सकते
एक मोबाइल डेटा एनालिटिक्स कंपनी ओपनसिग्नल से जुड़े लैन फॉग के अनुसार, जो भी हम आज मोबाइल से कर पा रहे हैं, उसे तेज और बेहतर तरीके से कर पाएंगे। वीडियो की क्वालिटी बढ़ जाएगी, हाई स्पीड इंटरनेट शहर को स्मार्ट बना देगा और बहुत कुछ होगा जो हम अभी सोच भी नहीं सकते।
क्या-क्या हो सकेगा
– कल्पना करें, राहत और बचाव कार्यों में लगे ड्रोन्स के झुंड की या आग का जायजा ले रहे ड्रोन्स या ट्रैफिक पर निगरानी रख रहे ड्रोन्स की जो बिना तारों के इंटरनेट के जरिए जुड़े हों और जमीन पर स्थित नियंत्रण केंद्रों के संपर्क में हों।
– स्वचलित कारें भी एक-दूसरे से बेहतर संवाद कर पाएंगी और यातायात व मैप्स से जुड़ा डेटा लाइव साझा कर पाएंगी।
– मेडिकल सुविधाएं बेहतर हो जाएंगी।
– बैंकिंग कार्य बेहतर होंगे।
– ऑनलाइन शॉपिंग, भुगतान आदि में गति आएगी।
– एक हाई डेफिनेशन (एचडी) फिल्म को एक या दो मिनट में पूरा डाउनलोड कर सकेंगे।