अगर आप अब रुपे कार्ड या भीम ऐप के जरिए डिजिटल पेमेंट करते हैं तो आपको 20 फीसदी का कैशबैक मिलेगा. दरअसल, बीते शनिवार को जीएसटी काउंसिल की 29वीं बैठक में यह फैसले लिया गया. बैठक के बाद काउंसिल के सदस्य सुशील मोदी ने बताया कि डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए फैसले लिए गए हैं.
उन्होंने कहा, रुपे कार्ड और भीम ऐप से भुगतान करने पर टैक्स में 20 फीसदी का कैशबैक दिया जाएगा. यह कैशबैक 100 रुपये तक का होगा. सुशील मोदी ने बताया कि बिहार सहित डेढ़ दर्जन राज्यों ने डिजिटल प्रोत्साहन पायलट योजना में शामिल होने की अपनी सहमति दी है.
छोटे कारोबारियों को क्या मिला
वैसे तो जीएसटी काउंसिल की यह बैठक छोटे और मझोले कारोबारियों (MSME) की दिक्कतों पर चर्चा के लिए रखी गई थी. लेकिन इन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है. हालांकि वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इनकी समस्याओं और मुद्दों पर मंत्री समूह (जीओएम) का गठन किया गया है. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला की अध्यक्षता वाले इस समूह में दिल्ली, बिहार, केरल, पंजाब और असम के वित्त मंत्री शामिल होंगे.
MSME की दिक्कतों पर जीओएम रिपोर्ट देगा
MSME सेक्टर से जुड़े कानूनी पहलुओं पर केंद्र सरकार की लॉ कमेटी और टैक्स संबंधी मामलों को फिटमेंट कमेटी देखेगी. जीओएम इन दोनों से चर्चा कर रिपोर्ट तैयार करेगा, जो जीएसटी काउंसिल के सामने रखी जाएगी. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 28-29 सितंबर को गोवा में होगी.
28वीं बैठक में हुए थे कई बड़े फैसले
इससे पहले जीएसटी काउंसिल की 28वीं बैठक में कई मुद्दों पर फैसले लिए गए थे. बैठक में सबसे बड़ा फैसला सैनेटरी नैपकिन को लेकर लिया गया था. 12 फीसदी के जीएसटी स्लैब में रखे गए सैनेटरी नैपकिन को टैक्स फ्री कर दिया गया. वहीं घरेलू उपयोग के 17 आइटम्स को 28 फीसदी जीएसटी स्लैब से हटा दिया गया था. इनमें वॉशिंग मशीन, फ्रिज, टीवी (सिर्फ 25 इंच तक), वीडियो गेम, वैक्यूम क्लीनर, ट्रेलर, जूस मिक्सर, ग्राइंडर, शावर एंड हेयर ड्रायर, वॉटर कूलर, लीथियन आयन बैट्री, इलेक्ट्रॉनिक आयरन (प्रेस) जैसे आइटम्स शामिल हैं.
कारोबारियों को भी मिली थी राहत
इस बैठक में जीएसटी काउंसिल ने कारोबारियों के लिए भी बड़ा फैसला लिया था. इसके मुताबिक अब 5 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाले ट्रेडर्स को हर महीने रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी. काउंसिल ने उनके लिए तिमाही रिटर्न भरने को मंजूरी दे दी है. हालांकि टैक्स पेमेंट मंथली होगी. इससे करीब 93 फीसदी कारोबारियों को राहत होगी. वहीं काउंसिल ने कारोबारियों के लिए रिटर्न फाइलिंग के प्रोसेस को और सरल कर दिया. हालांकि पहले भी रिटर्न फाइलिंग की प्रोसेस में सुधार किया गया था लेकिन इसके बावजूद कारोबारियों की शिकायतें आ रही थीं.