सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पिछले साल जून में हर पखवाड़े पेट्रोल व डीजल की कीमत तय करने की 15 साल पुरानी व्यवस्था बदली थी और रोजाना मूल्य निर्धारण शुरू किया था। जब-जब पेट्रोल व डीजल के मूल्य में वृद्धि हुई, इस पर उत्पाद शुल्क घटाने की मांग जोर पकड़ने लगी। लेकिन सरकार ने शुल्क में कटौती की संभावना से इनकार कर दिया। इस समय केंद्र सरकार पेट्रोल पर 19.48 रुपए और डीजल पर 15.33 रुपए प्रति लीटर टैक्स लगाती थी। राज्यों का वैट अलग-अलग है।