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सत्तर के पार निकले रुपये से पड़ेगा चौतरफा असर

मुंबई। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को 26 पैसे गिरकर 70 के पार बंद हुआ। डॉलर की मांग करेंसी बाजार में इतनी ज्यादा थी कि यह कारोबार के दौरान 70.40 के ऐतिहासिक निचले स्तर को छू गया। बाद में 26 पैसे की गिरावट के साथ 70.16 के स्तर पर बंद हुआ। रुपये में जोरदार गिरावट से मोबाइल से लेकर विदेश यात्रा तक और स्टील उद्योग से लेकर कच्चे तेल के आयात बिल पर चौतरफा प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।

कारोबारियों के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये को संभालने के लिए बाजार में दखल भी किया। उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं में भी गिरावट का रुख रहा। करेंसी मार्केट की उथल-पुथल के चलते शेयर बाजारों में भी गिरावट का रुख दिखाई दिया। हालांकि करेंसी मार्केट में तूफान लाने वाली तुर्की की करेंसी लीरा में सुधार दर्ज किया गया। पड़ोसी देश कतर ने तुर्की की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए 15 अरब डॉलर निवेश करने का फैसला किया है। इसके बाद लीरा को समर्थन मिलने लगा।

देश के बढ़ते व्यापार घाटे से लेकर अंतरराष्ट्रीय कारणों से कच्चे तेल की कीमत बढ़ने तक कई चुनौतियों के कारण रुपये की कीमत पर दबाव लगातार बढ़ रहा है। इस साल में रुपये में 10.5 फीसद की गिरावट आ चुकी है। हाल में जारी वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुकाबले देश का व्यापार घाटा पांच साल के उच्चतम स्तर 18 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

मोबाइल फोन होंगे महंगे

रुपये में गिरावट से आम लोगों को सीधे तौर पर असर पड़ता दिखाई दे रहा है। मोबाइल फोन निर्माताओं का कहना है कि मोबाइल फोन खासकर एंट्री लेवल फोन की कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है। इंटेक्स टेक्लोलॉजीज इंडिया की डायरेक्टर निधि मार्कंडेय ने कहा है कि रुपये में लगातार गिरावट बनी हुई है। इसमें और गिरावट से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। गिरते रुपये से मोबाइल फोन की उत्पादन लागत बढ़ेगी। इससे इनकी कीमत में बढ़ोतरी हो सकती है। कोमियो इंडिया के सीईओ व डायरेक्टर संजय कालिरोना ने कहा है कि मोबाइल कंपनियों बहुत कम मार्जिन पर काम करती हैं।

रुपये की गिरावट से कंपनियों की लागत और बढ़ सकती है। हालांकि इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज महेंद्रू का कहना है कि राहत की बात यह है कि देश में सीबीयू (कंपलीट बिल्ट यूनिट) मोबाइल फोन का आयात नगण्य है। पुर्जों का आयात होने से मोबाइल फोन का निर्माण यहां होता है। इससे वैल्यू एडीशन स्थानीय स्तर पर होती है। सबसे ज्यादा मुश्किल एंट्री लेवल के मोबाइल फोन में आएगी।

ट्रैवल क्षेत्र को भी असर पड़ने का अंदेशा

ट्रैवल क्षेत्र के ऑपरेटरों की प्रतिक्रिया मिलीजुली रही है। थॉमस कुक इंडिया और कॉक्स एंड किंग्स का कहना है कि अभी तक विदेश जाने वाले भारतीयों की संख्या पर रुपये की गिरावट का कोई असर नहीं पड़ा है। भारतीय पर्यटक सावधानी बरतते हुए रुपये में गिरावट के असर से बचने के लिए सस्ती एयर टिकट तलाशने का प्रयास करते हैं। इसके विपरीत यात्राडॉटकॉम का कहना है कि विदेश जाने वाले यात्रियों की संख्या में गिरावट आने की संभावना है।

सामान्य स्तर पर आएगा रुपया : नीति आयोग

हालांकि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने इन चिंताओं को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल स्तर पर स्थिरता आने के बाद रुपये अपने सामान्य स्तर पर आ जाएगा। रुपये की कीमत वास्तविक होनी चाहिए। इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि रुपये की गिरावट के चलते कच्चे तेल का आयात बिल बढ़ सकता है। अनुमान है कि 2018-19 के दौरान आयात बढ़कर 26 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इससे महंगाई भी भड़क सकती है।

निर्यातकों को फिलहाल फायदा

निर्यातकों को उम्मीद है कि रुपये में हाल की गिरावट से फिलहाल फायदा हो सकता है। लेकिन उन्हें चिंता है कि उनके विदेशी खरीदार इसके कारण डिस्काउंट के लिए कह सकते हैं। इस साल के दौरान दूसरी मुद्राओं के मुकाबले रुपये में सबसे ज्यादा गिरावट आई है। इससे 2013 तक जैसा संकट पैदा हो सकता है।