नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की गैस यूटिलिटी कंपनी गेल इंडिया ने कंपनी के चार्टर में बदलाव के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है।
इस बदलाव का मकसद स्टार्ट-अप कंपनियों में निवेश, सौर ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों की स्थापना तथा बैटरी चार्जिंग स्टेशन की स्थापना करने जैसे नए और विविध क्षेत्रों में उतरना है।
कंपनी के शेयरधारकों की 34वीं सालाना आमसभा 11 सितंबर को प्रस्तावित है। गेल ने शेयरधारकों को भेजे एक पत्र में कहा कि वह कंपनी के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन के मुख्य लक्ष्य में छह नई धाराएं शामिल करना चाहती है।
इसके तहत वह नेचुरल गैस, पेट्रोकेमिकल्स और एनर्जी जैसे अपने मुख्य कारोबारी धाराओं के लिए काम कर रही स्टार्ट-अप कंपनियों में निवेश करना चाहती है।
इसके साथ ही कंपनी स्वास्थ्य, समाज और वातावरण, सुरक्षा और संरक्षा (सेक्योरिटी) जैसे क्षेत्रों में काम कर रही स्टार्ट-अप कंपनियों में भी निवेश को लक्षित करना चाहती है। गेल की रणनीति बिजली की जगह गैस आधारित घरेलू उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देना है।
कंपनी गैस आधारित एयर कंडीशनर, बाथरूम हीटर और इस तरह के अन्य घरेलू उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इन क्षेत्रों में निवेश करना चाहती है।
पत्र में कंपनी ने कहा, “यह निवेश स्पेशल परपस व्हीकल (एसपीवी), ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआइएफ), फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) या ट्रस्ट के माध्यम से किया जा सकता है।
वर्तमान में स्वच्छ, कम लागत वाली तथा सक्षम परिवहन सेवा मुहैया कराने वाले नए और अलग तरीकों के खोज की बेहद जरूरत है।
ये ऐसे तरीके होंगे, जो भूमि की किल्लत से जूझ रहे शहरों में भूमि का कुशलता से उपयोग करने, तेल आयात पर निर्भरता घटाने और सुरक्षित परिवहन व्यवस्था मुहैया कराने में मददगार साबित होंगे।”
इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की भी योजना बना रही है।
सरकार ने वर्ष 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का बहुतायत से प्रयोग करने की तैयारी की है। ऐसे में कंपनी को लगता है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पर्याप्त चार्जिंग सुविधा विकसित नहीं की गई है।