उज्जैनमध्य प्रदेश

सैनिकों का संदेश :तुम्हारी राखी हौसला बढ़ाती है, वादा पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देंगे

उज्जैन। नेह के नातों में बंधे सैनिकों का संदेश बॉर्डर से बुधवार को उज्जैन की एक बहन को आया। संदेश यह कि ‘तुम्हारी भेजी राखी यहां हो रही गोली-बारी के बीच हौंसला बढ़ाती है। वादा है पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देंगे।”

बहन का नाम है ममता सांगते, जो पिछले 10 साल से हर रक्षाबंधन पर्व पर सैनिकों को राखी भेज रही हैं। वे अब तक 500 से अधिक राखियां सैनिक भाइयों को भेज चुकी है। इनमें अधिकांश ऐसे हैं, जिनके वह नाम तक नहीं जानती, मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ। क्योंकि इस बार 6 अगस्त को जब उन्होंने इंदौर जाकर भारत रक्षा पर्व के रथ को राखियां सौंपी तो एक अफसर ने उन्हें राखी के पीछे अपना मोबाइल नंबर लिखने की सलाह दी।

यह सलाह मानी गई। इसका परिणाम रहा कि रक्षाबंधन के अगले दिन सोमवार को ममता को जम्मू-कश्मीर के राजोरी सेक्टर से बीएसएफ की 163वीं बटालियन के सैनिक अजय कुमार और सोहन शर्मा का मोबाइल पर कॉल आया। दोनों ने करीब 9 मिनट ममता से बात की।

लड़कियों को कराते सिखातीं, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाती हैं

ममता लड़कियों का आत्मरक्षा के लिए कराते सिखाती हैं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड़ी, अचार, पापड़, राखी बनाने का प्रशिक्षण देती हैं। वे यह कार्य करीब 15 साल से कर रही हैं।

सैनिकों को राखी भेजने के पीछे क्या वजह है इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि साल 2007 में वाघा बॉर्डर घूमने गई थीं, तब रक्षाबंधन के दिन सैनिकों की कलाई सूनी देखी थी। उसके बाद बीएसएफ के आईजी एसएन ढिल्लन से सैनिकों को राखी बांधने की इच्छा प्रकट की।

उसके बाद हर साल किसी न किसी बॉर्डर पर जाकर सैनिकों को राखी बांधती और भेजती आई हूं। इस साल पारिवारिक कारणों से नहीं जा सकी तो 150 राखी बनाकर भेजी थी। इस बार मैंने रक्षाबंधन इंदौर के बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर पर जाकर मनाया। कई सैनिकों को राखी बांधी।