भोपाल। शहरों में एक आम धारणा बन गई है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देने निजी स्कूल भेजा जाए। सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा व सुविधाएं नहीं मिल पाती। लेकिन शहर का एक सरकारी स्कूल इस धारण को तोड़ रहा है। यह प्रयास चूनाभट्टी स्थित शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल की प्राचार्या संगीता ठाकुर ने किया है। उन्होंने 32 सालों के प्रयास से पूरे स्कूल का माहौल बदलकर रख दिया।
यह स्कूल कई बार दसवीं बोर्ड परीक्षा में 100 फीसदी रिजल्ट लाया है। इस स्कूल की प्राचार्या छात्रछात्राओं को कई गतिविधि से जोड़कर उनकी प्रतिभा को निखार रही हैं। कई प्रतियोगिता में स्कूल को पुरस्कार भी मिल चुका है। प्राचार्या संगीता ठाकुर ने 2008 में इस स्कूल में ज्वॉइन किया था। तब यह स्कूल पांच कमरों का था। जिसमें 526 बच्चे अध्ययनरत थे। अब इस स्कूल में 9 कमरे हैं और 1400 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। वहीं प्राचार्या ने अपने प्रयास से विभाग से पौने 2 करोड़ की राशि स्वीकृत कराई है।
विद्यार्थियों को गतिविधियों में शामिल होने किया प्रेरित
प्राचार्या पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम, इंस्पायर अवार्ड प्रतियोगिता सहित अन्य गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रेरित भी करती हैं। स्कूल को कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। कम्प्यूटर उपलब्ध कराया है। इस स्कूल में टीचर-पैरेंट्स मीटिंग भी होती है।
उपलब्धियां
– स्कूल के छात्र-छात्राएं कुंजीलाल दुबे युवा संसद में शामिल होकर पुरस्कार भी जीत चुके हैं।
– एक सरकारी स्कूल में निजी स्कूल की तरह पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग कर बच्चों के अभिभावकों से सीधा संवाद करने का तरीका अपनाकर उनकी परेशानियों को दूर करने का प्रयास किया।
स्कूल से निकलकर कई छात्रछात्राएं आज अच्छे पदों पर पहुंच गए हैं। यहां पर विद्यार्थियों के अचीवमेंट को देखकर बड़ा सुकून मिलता है कि प्रयास सफल रहा है। यह किसी पुरस्कार से कम नहीं हैं। – संगीता ठाकुर, प्राचार्या, शासकीय उमावि, चूनाभट्टी