भोपालमध्य प्रदेश

ट्रेनों में अपराध रोकेगी आरपीएफ की स्पेशल टीम, भोपाल को बनाया एक्शन रूम

भोपाल। ट्रेनों में लूट व चोरी की घटनाओं से त्रस्त आकर रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक स्पेशल टीम बनाई है, जो ट्रेनों में होने वाले अपराधों पर नियंत्रण रखेगी। इसका एक्शन रूम भोपाल को बनाया गया है। यहीं से भोपाल, जबलपुर व कोटा मंडल में चलने वाली ट्रेनों में अपराधों पर नियंत्रण रखा जाएगा। इसकी जिम्मेदारी जबलपुर में सहायक सुरक्षा आयुक्त रहे जयमल श्रीवास्तव को दी है।

उनकी नियुक्ति के लिए आरपीएफ ने अलग से सहायक सुरक्षा आयुक्त ‘थेफ्ट ऑफ पैसेंजर बिलॉन्गिंग’ (यात्री सामान की चोरी) नाम से पद बनाया है। यह पद अभी तक आरपीएफ में शामिल नहीं था। आरपीएफ ने पहली बार ट्रेनों में लूट व चोरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए अलग पद बनाकर जिम्मेदारी दी है। बता दें कि भोपाल, जबलपुर व कोटा समेत देश के किसी भी मंडल में अभी आरपीएफ के पास इस तरह की टीम नहीं है।

ट्रेनों में अपराध बढ़े हैं

बीते दो साल में बदमाश सीआरपीएफ जवान की पत्नी को ट्रेन से नीचे फेंक चुके हैं। ट्रेनों में आतंकियों द्वारा भोपाल स्टेशन से विस्फोटक सामग्री रखकर कालापीपल के पास बड़ी घटना को अंजाम दिया गया था। इसके अलावा आए दिन लूट-चोरी जैसी घटनाएं हो रही हैं। इसके कारण यात्रियों में खौफ है। रेलवे की छवि भी खराब हुई है। आपराधिक लोग सुनियोजित तरीके से ट्रेनों को टारगेट कर रहे हैं। ऐसे में रेलवे, आरपीएफ व जीआरपी की चिंता बढ़ी है। इसे देखते हुए पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर जोन के आईजी आरपीएफ आरके मलिक ने स्पेशल टीम बनाई है।

ऐसे अपराध रोकेगी स्पेशल टीम

यात्रियों को तत्काल सुरक्षा देगी : ट्रेनों में आपराधिक घटना घटित होने के बाद ज्यादातर मामलों में यात्रियों को तुरंत सुरक्षा नहीं मिलती। आरपीएफ की टीम स्थानीय एजेंसियों से संपर्क कर तुरंत सुरक्षा देने का काम करेगी।

24 घंटे समन्वयः भोपाल, जबलपुर व कोटा मंडल से होकर गुजरने वाली ट्रेनों पर 24 घंटे नजर रखेगी। इसके लिए ट्रेन व रेलवे स्टेशनों पर तैनात आरपीएफ-जीआरपी जवानों से पल-पल का अपडेट लेगी।

सुरक्षा एजेंसियों के संपर्क में रहेगी : टीम के अधिकारी आसपास जोन जैसे नार्दन रेलवे, सेंट्रल रेलवे की सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क में रहेंगे। आपराधिक घटनाओं से जुड़े प्रत्येक इनपुट को आपस में साझा करेंगे।

जांच में मदद करेंगे : ट्रेनों में होने वाली आपराधिक घटनाओं की जांच जीआरपी करती है। ये अधिकार आरपीएफ के पास नहीं है। ये टीम जीआरपी को अपराधों की जांच में मदद करेगी। जरूरत पड़ने पर सिटी पुलिस को भी मदद करेगी।

अभी यहां बरती जा रही लापरवाही

जीआरपी व आरपीएफ में समन्वय की कमी है। इसका फायदा अपराधी उठा रहे हैं। टीम इस गैप को भरने का काम करेगी।

– ट्रेनों में किसी भी आपराधिक घटना के घटित होने पर कार्रवाई के अधिकार जीआरपी को हैं, इसलिए आरपीएफ कमजोर पड़ जाती है। जीआरपी के शुरू से ये आरोप भी रहे हैं। अभी भी जांच जीआरपी ही करेगी, लेकिन घटना में स्पेशल टीम मदद करेगी।

-काम शुरू कर दिया है

मुझे जिम्मेदारी मिली है। मैंने काम भी शुरू कर दिया है। ट्रेनों में अपराधों पर नियंत्रण रखने के लिए नए सिरे से काम कर रहे हैं।

जयमल श्रीवास्तव, सहायक सुरक्षा आयुक्त थेफ्ट ऑफ पैसेंजर बिलॉन्गिंग, भोपाल

अपराध रोकने उठाया कदम

ट्रेनों में अपराध रोकने के लिए डीजी आरपीएफ से अनुमति लेकर स्पेशल टीम बनाई है। जिसका मुख्यालय भोपाल को बनाया है। प्रत्येक मंडल में इसका विस्तार करेंगे।

आरके मलिक, आईजी आरपीएफ जबलपुर