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विश्व हिंदू सम्मेलन : मोहन भागवत ने कहा, एकजुट हों हिंदू, तभी होगी तरक्की

शिकागो। अमेरिका के शिकागो शहर में दूसरे विश्व हिदू सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिदुओं में किसी दूसरे पर वर्चस्व स्थापित करने की आकांक्षा नहीं है। वे तभी समृद्ध होंगे जब एकजुट होकर काम करेंगे।

उन्होंने मानव कल्याण के लिए समुदाय के नेताओं से एकजुट होने और मिलकर काम करने का आह्वान किया। सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता भागवत ने वैश्विक एकता के लिए कुछ मूल्यों पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा कि अहंकार को नियंत्रित और आम सहमति को स्वीकार करना सीखकर पूरी दुनिया को एक टीम में तब्दील किया जा सकता है। सात से नौ सितंबर तक चलने वाला यह विश्व हिदू सम्मेलन स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित किया गया है।

स्वामी विवेकानंद ने साल 1893 में शिकागो में आयोजित धर्म संसद में भाषण दिया था। हर चार साल पर होने वाले इस सम्मेलन में इस बार 80 देशों के ढाई हजार से ज्यादा प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं।

हिदू प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा, ‘शुरू के दिनों में हमारा काम जब हमारे कार्यकर्ता हिंदुओं से उन्हें संगठित करने के बारे में बात करने जाते थे वे कहते थे ‘शेर कभी झुंड में नहीं चलता।’ लेकिन इसके बाद भी शेर या रायल बंगाल टाइगर जिसे जंगल का राजा माना जाता है, यदि अकेला हो तो जंगली कुत्ते उसपर हमला करेंगे और उसे मार डालेंगे।

हम दुनिया को बेहतर बनाना चाहते हैं। हमारी वर्चस्व स्थापित करने की अभिलाषा नहीं है। हमारा प्रभाव जीत या औपनिवेशीकरण का परिणाम नहीं है।’ उन्होंने हिंदू धर्म को प्राचीन और उत्तर आधुनिक के रूप में व्याख्या करने का प्रयास किया। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने हिंदू मिथक महाभारत में युद्ध और राजनीति का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति को ध्यान की तरह नहीं लिया जा सकता।

इसे राजनीति ही रखा जाना चाहिए। सम्मेलन की थीम ‘सुमंत्रिते सुविक्रांते’ यानी ‘सामूहिक विचार, साहस हासिल करें’ का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा, ‘हिदू समाज तभी समृद्ध होगा जब वह एकजुट होकर काम करेगा।’ उन्होंने कहा कि हिदू समाज में प्रतिभावान लोगों की बड़ी संख्या है लेकिन वे कभी एक साथ नहीं आते हैं। हिदुओं का एक साथ आना अपने आप में मुश्किल काम है।

‘हजारों साल से प्रताड़ित हो रहे हिदू’

संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि हिदू हजारों साल से प्रताड़ित हो रहे हैं क्योंकि वे अपने मूल सिद्धांतों और आध्यात्मिकता को भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि हिदू किसी का विरोध करने के लिए नहीं जीते हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोग हो सकते हैं जो हमारा विरोध कर सकते हैं।

हिदू धर्म जीने की पद्धति :

अनुपम सम्मेलन में अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि हिदू धर्म जीने की पद्धति है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के संदेश का मुख्य सार सहिष्णुता है। कश्मीरी पंडित अपने ही देश में शरणार्थी होने के बावजूद पिछले 28 साल से इसी सहिष्णुता की राह पर चल रहे हैं। अनुपम ने कहा, उनके जैसे शिमला के मध्यवर्गीय परिवार के कश्मीरी पंडित के लिए यहां विश्व हिंदू कांग्रेस में बोलने का मौका मिलना एक बड़ी उपलब्धि है।

हिदुत्व यानी सहिष्णुता व प्यार

भारतवंशी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि सहिष्णुता, प्यार, विविधता और समावेश हिदुत्व के पहलू हैं जो लोगों को उनके धर्मों की परवाह किए गए बगैर अपनाता है।

प्रदर्शनकारियों ने की नारेबाजी

सम्मेलन के दौरान कुछ लोगों ने प्रदर्शन व नारेबाजी की। ये लोग सम्मेलन में आए लोगों से भारत सरकार की अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित कार्रवाई का विरोध करने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार की गईं शिकागो साउथ एशियन फॉर जस्टिस की दो महिला प्रदर्शनकारियों को बाद में छोड़ दिया गया।

प्रकाश आंबेडकर ने भागवत की टिप्पणी की निंदा की

भारिपा बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर ने संघ प्रमुख मोहन भागवत की शेर और जंगली कुत्ते संबंधी टिप्पणी की निंदा की है। उन्होंने दावा किया कि संघ प्रमुख ने भारत की विपक्षी पार्टियों को कुत्ता कहा है। महाराष्ट्र में विपक्षी कांग्रेस और राकांपा ने संघ की विचारधारा को हिंदू विरोधी कहा है।