बेंगलुरु। स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान के दौरान हवा में ही ईंधन भरकर भारत सोमवार को ऐसी क्षमता रखने वाले चुनिंदा देशों के प्रतिष्ठित क्लब में शामिल हो गया।
तेजस का विकास करने वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के मुताबिक, सोमवार सुबह करीब 9.30 बजे मध्य प्रदेश में ग्वालियर के आसमान में 20 हजार फीट की ऊंचाई पर भारतीय वायु सेना के रूस निर्मित एमकेआई टैंकर विमान आईएल-78 के जरिए तेजस एलएसपी-8 विमान में 1,900 किग्रा ईंधन भरा गया। इस दौरान तेजस की गति 270 नॉट थी। आईएल-78 विमान को विंग कमांडर सिद्धार्थ सिंह उड़ा रहे थे।
जबकि ग्वालियर स्थित ग्राउंड स्टेशन से एचएएल और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के डिजायनर पूरी प्रणाली के मानकों की निगरानी कर रहे थे। इससे पहले, चार और छह सितंबर को हवा में ईंधन भरने की प्रणाली का परीक्षण किया गया था। लेकिन इस दौरान विमान में ईंधन का ट्रांसफर नहीं किया गया था।
एचएएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आर. माधवन के मुताबिक, इस उपलब्धि के साथ भारत और उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने सैन्य विमानों में एयर टू एयर रीफ्यूलिंग की प्रणाली विकसित कर ली है। मालूम हो कि तीन महीने पहले ही एयर टू एयर बियांड विजुअल रेंज (बीवीआर) मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था।