भोपाल। आसमान साफ होने के साथ ही रात में ओस पड़ना शुरू हो गई है। एक पश्चिमी विक्षोभ गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पहुंचने जा रहा है। ये मानसून की विदाई के संकेत माने जा रहे हैं। उधर, मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अभी मानसून सीजन का एक पखवाड़ा बाकी है।
इस दौरान बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। उसके प्रभाव से हल्की बरसात की उम्मीद की जा सकती है। चिंता की बात यह है कि राजधानी में अभी तक कुल 767.1 मिमी. बरसात हुई है, जो कि सामान्य से 228.1 मिमी. कम है।
01जून से 30 सितंबर तक मानसून का सीजन माना गया है। इस वर्ष राजधानी में बरसात अभी तक सामान्य वर्षा के आंकड़े से काफी दूर है। सीजन में सामान्य बरसात 1086.6 मिमी. होती है। लेकिन बुधवार सुबह तक सीजन में कुल 767.1 मिमी. बरसात हुई है, जो अभी सामान्य से 22 सेमी.कम है।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि 14 से 20 सितंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की पूरी संभावना है। लेकिन इससे राजधानी में अच्छी बरसात होने के आसार कम ही रहेंगे।
उधर एक पश्चिमी विक्षोभ(डब्ल्यूडी) गुरुवार को जम्मू-काश्मीर में पहुंचने जा रहा है। डब्ल्यूडी का आना मानसून की गतिविधियों में कमी होने का संकेत माना जा सकता है। देश में मानसून की विदाई की शुरुआत राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र से होती है। राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र दस दिन से लगातार शुष्क बना हुआ है।