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स्कूल जाने के लिए मासूम बने खतरों के खिलाड़ी

भितरवार। मजबूरी है लेकिन पेट पालने की नहीं, बल्कि स्कूल जाने की है। गांव में कोई स्कूल नहीं है। सरकारी प्राइमरी स्कूल है, लेकिन गांव से दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव में। दोनों गांव के बीच में एक 14 फीट चौड़ा और 12 फीट गहरा नाला है, जिसे ग्रामीण छोटी नरिया कहते हैं। इसे पार करने के लिए कोई पुलिया नहीं है। ऐसे में नौनिहालों के स्कूल जाने के लिए ग्रामीणों ने डेढ़ फीट चौड़ी पटिया रखकर एक रैंप तैयार किया है। इसी से रोजाना बच्चे नाले को पार कर स्कूल जाते हैं। इस रैंप की स्थिति ऐसी है कि एक पैर आगे और एक पीछे रखकर बड़ी सावधानी से चलना पड़ता है। ये देखकर रस्सी पर चलने के खेल-तमाशे का दृश्य ताजा हो उठता है।

जानकारी के अनुसार, फतेहपुर ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाला समाया गांव में एक छोटा नाला है, जो 14 फीट चौड़ा और 12 फीट गहरा है, जिसे ग्रामीणों द्वारा नरिया कहा जाता है। यहां पर पुलिया का निर्माण नहीं हुआ है और न ही कोई रपटा बना है। क्षेत्र में इस बार अच्छी बारिश होने से ये लबालब भरा है। इसे पार करने के लिए ग्रामीणों ने एक पटिया डालकर रैंप बनाया है, जो महज डेढ़ फीट चौड़ा है।

स्कूल पढ़ने जाने के लिए बच्चे प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर इसी रैंप के जरिये नाले को पार करते हैं। इनके अलावा ग्रामीण पुरुष और महिलाएं भी इसी रैंप से नाला पार करते हैं। इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है। इस ओर न तो ग्राम पंचायत का कोई ध्यान है, न ही अन्य जनप्रतिनिधि और प्रशासन के अधिकारी कोई सुध ले रहे हैं। इस संबंध में ग्रामीण राजेन्द्र सिंह, अमृतलाल, रामनरेश आदि की ओर से जनप्रतिनिधियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देकर शिकायत की जा चुकी है।

40 बच्चे रैंप से करते हैं नाला पार

ग्राम पंचायत फतेहपुर में कोई स्कूल नहीं है। इस गांव से दो किलोमीटर दूर समाया गांव में शासकीय प्राथमिक विद्यालय है। उसमें ग्राम पंचायत फतेहपुर के 40 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल जाने के लिए उन्हें रोजाना रैंप के जरिये नाले को पार करना पड़ता है।

बारिश में हो गया था रास्ता बंद

पिछले दिनों हुई तेज बारिश के चलते यह नाला उफान पर आ गया था। इस कारण यह रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था। बारिश के दिनों में जब तक नाले के ऊपर पानी बहा, तब तक बच्चे भी स्कू ल नहीं जा पाए।

इनका कहना है

समाया गांव में पुलिया का निर्माण नहीं हुआ है। इस बारे में शिकायत अभी तक नहीं आई है। यदि इस प्रकार का कोई मामला है तो मैं दिखवा लेता हूं। हमारी कोशिश रहेगी कि जल्द ही यहां पर पुलिया का निर्माण कराया जा सके ।

अशोक शर्मा, सीईओ, जनपद पंचायत, भितरवार