मुंबई। प्रमुख उद्योगपति और रिलायंस एडीए समूह के प्रमुख अनिल अंबानी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस को समर्थन और सलाह देने के लिए अपने बड़े भाई व रिलायंस समूह के प्रमुख मुकेश अंबानी का आभार प्रकट किया है। छोटे अंबानी बंधु ने घोषणा की है कि नकदी संकट में फंसी रिलायंस कम्युनिकेशंस टेलीकॉम कारोबार से पूरी तरह से बाहर निकलेगी और रियल एस्टेट कारोबार पर दांव लगाएगी।
रिलायंस कम्युनिकेशंस की 14वीं वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए अनिल अंबानी ने अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी का आभार प्रकट किया जिन्होंने अविभाजित समूह के टेलीकॉम कारोबार की संकल्पना तैयार की और आरकॉम के कारोबारों को खरीदा।
अंबानी ने कहा, ‘आरकॉम को और व्यक्तिगत रूप से मुझे समर्थन और सलाह देने के लिए मैं अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी का आभार प्रकट करना चाहूंगा।’ गौरतलब है कि मुकेश अंबानी ने 4जी स्पेक्ट्रम की सफल बोली लगाने वाली एक कंपनी को खरीदकर टेलीकॉम सेक्टर में कदम रखा।
उनकी कंपनी रिलायंस जियो पर आक्रामक मार्केटिंग के लिए टेलीकॉम सेक्टर में समस्याएं पैदा करने के लिए आरोप लगाया जाता है। इस पर अनिल अंबानी ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर में सकारात्मक विध्वंस हुआ है। इससे सेक्टर में अल्पाधिकार पैदा हुआ। आने वाले समय में हो सकता है सिर्फ द्विअधिकार हो जाए और यह भी संभव है कि एकाधिकार हो जाए।
रियल्टी में हाथ आजमाएंगे अनिल-
अनिल अंबानी ने बताया कि आरकॉम की पहली प्राथमिकता 40,000 करोड़ रुपये के कर्जों का समाधान निकालना है। कंपनी ने फैसला किया है कि वह अब टेलीकॉम सेक्टर में आगे कारोबार नहीं करेगी। कई अन्य कंपनियां ऐसा ही फैसला कर चुकी हैं। भविष्य को ध्यान में रखकर यह फैसला करना आवश्यक है।
अंबानी ने कहा कि हम मोबाइल सेक्टर से हम निकल रहे हैं। हम सही समय पर कारोबार बेचकर रकम जुटाएंगे। भविष्य में कंपनी के लिए रियल्टी सेक्टर तेज रफ्तार का इंजन बनेगा। देश की राजधानी मुंबई के बाहरी क्षेत्र में स्थित 133 एकड़ के धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी की ओर इशारा करते हुए अंबानी ने कहा कि आरकॉम के पूर्व कॉरपोरेटे हेडक्वार्टर के जरिये हमें रियल्टी में असीम संभावनाएं मिली हैं। इस क्षेत्र की कीमत करीब 25000 करोड़ रुपये है।
कंपनी पर 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज बाकी है। ये कर्ज चायनीज बैंक समेत 38 कर्जदाताओं ने दिए थे। कंपनी रणनीतिक कर्ज पुनर्गठन प्रक्रिया के जरिये इन कर्जों का समाधान निकाल रहा है। अंबानी ने उम्मीद जताई कि अगले कुछ महीनों में कर्जों का समाधान हो जाएगा। रिलायंस जियो को टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर और फाइबर कारोबार की बिक्री अगले कुछ महीनों में पूरी हो जाएगी।
आर्बिट्रेशन फैसलों पर गंभीर नहीं विभाग-
अनिल अंबानी ने कहा है कि आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनलों के जरिये रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को करीब 8000 करोड़ रुपये के भुगतान किए जाने के फैसले किए गए हैं। लेकिन सरकारी एजेंसियां इसका भुगतान करने से बच रही हैं। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की आम बैठक में उन्होंने कहा कि आर्बिट्रेशन एक्ट में संशोधन किए जा चुके हैं और सुप्रीम कोर्ट ने भी कई आदेशों में स्पष्टता आ चुकी है। इसके बावजूद सरकारी विभाग शेयरधारकों का देय भुगतान नहीं कर रहे हैं।
गैर वित्तीय कारोबार छोड़ेगी आर कैपिटल-
रिलायंस कैपिटल अपने पोर्टफोलिया में गैर वित्तीय कारोबार से बाहर आएगी ताकि कर्ज का भार कम किया जा सके। अनिल अंबानी ने कहा कि अगले एक-डेढ़ साल में कंपनी गैर वित्तीय कारोबार से बाहर आ जाएगी। चालू वित्त वर्ष में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को बेचने का प्रयास करेगी। कंपनी निवेश क कारोबार पर खास ध्यान देगी।