मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों ने बंद पड़ी नेपा पेपर मिल के फिर से खुलने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रदेश की इस मिल के लिए 469 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी प्रदान कर दी है। पैकेज के जरिये इस मिल के पुनरोद्धार के बाद रणनीतिक विनिवेश को भी मंजूरी मिल गई है।
सार्वजनिक क्षेत्र की न्यूजप्रिंट उत्पादन करने वाली इस कंपनी में साल 1981 से उत्पादन बंद है। कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि पैकेज के तहत मंजूर 469.41 करोड़ रुपये की राशि में से 277 करोड़ रुपये इक्विटी के तौर पर दिए जाएंगे।
इस राशि से मिल के रिवाइवल व मिल डवलपमेंट प्लान (आरएमडीपी) के तहत क्षमता विस्तार होगा। कंपनी की मौजूदा उत्पादन क्षमता 83000 टन है जिसे बढ़ाकर एक लाख टन किया जाना है। यह प्लान एक वर्ष में पूरा किया जाना है। प्रसाद ने कहा कि यह परियोजना पूरी होने के बाद कंपनी के उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार तो होगा, साथ ही उत्पादों में विविधता भी आएगी।
इसके अतिरिक्त कर्मचारियों के वेतन, भत्तों आदि की दिक्कत को दूर करने के लिए सरकार ने 101.58 करोड़ रुपये का कर्ज पैकेज दिया है। साथ ही 400 कर्मचारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के प्रस्ताव के लिए 90.83 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए जा रहे हैं।
सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि नेपा मिल के इस प्लान का लाभ प्रदेश के नेपानगर के आदिवासी क्षेत्र को भी मिलेगा और इसका समुचित विकास हो सकेगा। बयान के मुताबिक आरएमडीपी प्लान के पूरा जाने के बाद कंपनी का रणनीतिक विनिवेश भी किया जा सकेगा। कैबिनेट की तरफ से मंजूर प्रस्ताव में रणनीतिक विनिवेश का प्रावधान भी शामिल है।