उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

जिलाधीश कार्यालय प्रांगण के साथ विद्युत वितरण कंपनी में हो रहा आचार संहिता का उल्लंघन राज्य शासन की योजना का हो रहा बखान कलेक्टर को क्यों दिखाई नहीं दे रही वॉल पेंटिग…..?

जिलाधीश कार्यालय प्रांगण के साथ विद्युत वितरण कंपनी में हो रहा आचार संहिता का उल्लंघन
राज्य शासन की योजना का हो रहा बखान
कलेक्टर को क्यों दिखाई नहीं दे रही वॉल पेंटिग….?
देवास।
आदर्श आचार संहिता लगते ही गत दिवस शासन की योजना के अंर्तगत लगे फ्लेक्स बोर्ड और योजनाओं को प्रदर्शित करते बोर्ड व वॉल पेंटिग भी तत्काल कलेक्टर ने मौजूद होकर हटवाई थी। वहीं कुछ शासकीय कार्यालय ऐसे भी थे, जहाँ से योजनाओं के बखान करती वॉल पेंटिग को आचार संहिता लगने के बाद नहीं हटाया गया। ऐसे में कहा जा सकता है की इस प्रकार की लगी पेंटिग को ना हटाना कई प्रश्रों का खड़ा कर रहा है।
गत दिवस कलेक्टर ने शासकीय कार्यालयों का निरिक्षण कर वहाँ लगी वॉल पेंटिग व शासन की योजनाओं का बखान करते बोर्ड, होर्डिंग्स को तत्काल हटवाया था। इनमें कई ऐसे शासकीय स्थान ऐसे भी थे जहां वॉल पेंटिग परस्पर बनी हुई दिखाई दे रही थी। इनमें लोक सेवा आयोग कायार्लय विद्युत वितरण कंपनी में बनी वॉल पेंटिग जिसमें सरकारी विज्ञापन का बखान करते दिखाई दे रहे हैं। इस पर यहां बड़ा प्रश्र है की क्या कलेक्टर या किसी अन्य अधिकारी कर्मचारी की नजर इन विज्ञापनों पर नहीं गई। कहीं कोई मिलीभगत का कोई हिस्सा तो नहीं है। अगर नहीं है तो इस प्रकार आचार संहिता को मुँह चिढ़ाते विज्ञापन अब तक क्यों प्रदर्शित किये जा रहे हैं ये सवाल भी बना हुआ है। वहीं अगर बात करे लोक सेवा आयोग विभाग की तो वह केलेक्टर कार्यालय से कुछ ही दूरी पर है लेकिन कलेक्टर श्रीकांत पांडे ने तो गत दिवस दो विभागों को आचार सहिंता का उल्लंघन करने पर नोटिस जारी किया था। लेकिन अपने ही कार्यालय के पीछे लोकसेवा आयोग कार्यालय में आचार सहिंता का उल्लंघन करते नजर आ रहा है ये उक्त विज्ञापन ! इसके साथ ही मंडूक पुष्कर तालाब मार्ग की ओर बने विद्युत वितरण कार्यालय में भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की संबल योजना का बखान कर रही वॉल पेंटिंग देखी जा सकती हैं। आखिर क्या यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हैं, इन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई, इस पर मिलीभगत दिखाई दे रही है।
इनका कहना –
लोक सेवा आयोग अधिकारी सौरभ जैन से जब इसके बारे में चर्चा की गई तो उनका कहना था मुझे इसके संदर्भ में कोई जानकारी नही है।जबकि ये नियम है….
अधिनियम की धारा-3 में स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी जो संपत्ति की स्वामी के लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाले किसी संपत्ति को स्याही, खडिय़ा, रंग, पोस्टर, बैनर, फ्लेक्स या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिंहित करके विरूपित करेगा तो वह जुर्माने से जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा व दंडनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दंडनीय कोई भी अपराध संज्ञेय है। कोई भी व्यक्ति या संस्था शासकीय भवन पर किसी भी प्रकार के पोस्टर, बैनर, स्लोगन, नारे आदि नहीं लिखेगा और ना ही उक्त आशय की सामग्री चस्पा करेगा। शासकीय, अर्धशासकीय सम्पत्ति जैसे, टेलीफोन, विद्युत के खंबे, शासकीय स्थानों के वृक्ष, सड़क डिवाइडर आदि पर झंडे, बैनर, पोस्टर, फ्लेक्स आदि ना तो प्रदर्शित किए जाएंगे और ना ही लगाए जाएंगे।