बदलाव की आहट अब स्वर बनने लगी है। मप्र के सात शहरों में चल रहे स्मार्ट सिटी मिशन में कुछ नए और अनूठे प्रयोग आकार लेते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि स्मार्ट सिटी में ज्यादातर मॉड्यूल तो एक जैसे हैं लेकिन कुछ शहरों में ये अलग और नए हैं। यह पता चला कि आवासीय सुविधा या सड़क के अलावा इनके कई रंग हैं। प्रस्तुत है मप्र के चार बड़े शहरों में स्मार्ट सिटी के अनूठे काम…
इंदौर : ट्रेंचिंग ग्राउंड में नया बगीचा
इंदौर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लि. ने विकास कार्यों के लिए आठ अलग-अलग पैकेज बनाए हैं। ट्रेंचिंग ग्राउंड में नया खूबसूरत गार्डन बनाया जाएगा और यह काम अपने आपमें बेहद अलग है। वहां 50 एकड़ जमीन चिह्नित कर खूबसूरत और फूलों वाले पौधे लगाए जाएंगे। हालांकि अभी प्रोजेक्ट का काम शुरू होना है।
भोपाल : इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम
आईटीएमएस: शहर में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) चालू किया गया है। इसके तहत शहर के 22 चौराहों व प्रमुख सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके माध्यम से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को नोटिस जारी किया जा रहा है। चालान बन रहे हैं, लोग चालान की रकम ऑनलाइन जमा करा सकते हैं।
कमांड एंड कंट्रोल सेंटर : प्रदेश के सभी सात स्मार्ट सिटी (भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, सतना व उज्जैन) का मुख्य कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भोपाल में बनाया गया है। तीन करोड़ की लागत से बने सेंटर को मई में चालू किया गया। यहां क्लाउड पर आधारित विभिन्न् सूचनाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर एकत्र हो सकेंगी।
जबलपुर : 6 प्रोजेक्ट हुए शुरू
स्मार्ट सिटी के लिए बने 72 प्रोजेक्ट में से फिलहाल 6 प्रोजेक्ट ही शुरू हो पाए हैं जबकि 22 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें काम चल रहा है। स्मार्ट सिटी कार्यालय शुरू हो चुका है।
दो पजल पार्किंग : स्मार्ट सिटी मिशन में शहर में दो पजल पार्किंग बनकर तैयार हो गई हैं। 6 करोड़ रुपए की लागत से बनी पहली पजल पार्किंग में 35 कारों को खड़ी करने की जगह है। करीब 35 करोड़ की लागत से बनी दूसरी पजल पार्किंग में एक साथ 90 कार पार्क की जा सकती हैं।
ग्वालियर : फसाड लाइट से जगमगाएंगे हैरिटेज भवन
ग्वालियर स्मार्ट सिटी मिशन में दूसरे चरण में शामिल हुआ। यहां सबसे अनूठा है ग्वालियर किले और हैरिटेज भवनों पर फसाड लाइटिंग। हैरिटेज भवनों पर फसाड लाइट लगाकर आकर्षक बनाया जाएगा। प्रयोग के तौर पर 26 जनवरी को महाराजबाड़ा स्थित टाउन हॉल भवन पर यह लाइट लगाई गई थी। इसमें छोटे-छोटे एलईडी बल्ब होते हैं। 60 हजार मिलियन कलर कॉम्बिनेशन होता है। ये बल्ब(डायोड) डस्ट प्रूफ, वाटरप्रूफ होते हैं। राष्ट्रीय त्योहार, धार्मिक अवसर पर थीम बदल सकते हैं।