उज्जैनप्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

उज्जैन दक्षिण-बहुत कठिन है डगर पनघट की

उज्जैन। तमाम माईनस को प्लस में बदलकर मोहन यादव ने टिकट तो हासिल कर लिया पर अब कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र वशिष्ठ के आने के बाद उनकी लड़ाई कठिन हो गई है। ऊपर से भाजपाई असंतोष, बैरवा समाज की नाराजगी भी उन्हें झेलना है।
यादव की टीम को कांग्रेस के दावेदार जयसिंह दरबार से उम्मीदे हंै। कांग्रेस आलाकमान के उनके नेता रहे प्रेमचंद गुड्डू के प्रति रवैये के बाद लगता नही कि दरबार कोई राजनीतिक गुस्ताखी करेंगे।
राजेन्द्र वशिष्ठ का नेटवर्क पिछले कई दिनों से जीत के लिए सारे समीकरण बिठाने में लगा रहा है, दिग्विजयसिंह से उन्हें समन्वय की उम्मीद है।
भाजपा में मोहन यादव की उम्मीदवारी को लेकर सकारात्मक माहौल नही है,इकबाल सिंह गांधी,कोटवानी परिवार,नाराज पार्षद,कट चौक के कारण नाराज व्यापारी,मोहन यादव के लिए चुनौती है।
बहरहाल अपनी खुद की टीम पर भरोसा कर चुनाव लडऩे की रणनीति क्या उन्हें दोबारा विधानसभा में पहुंचाएगी देखना दिलचस्प रहने वाला है।

– प्रकाश त्रिवेदी