वाशिंगटन। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने मंगलवार को डेटा चोरी एवं अन्य मसलों पर अमेरिकी सांसदों के सवालों के जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने गूगल के सोशल नेटवर्किं पोर्टल “प्लस” से लोगों की निजी जानकारियां लीक होने पर कंपनी की तरफ से उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया।
पिचाई ने इसके अलावा अमेरिकी सांसदों के उन सवालों के भी जवाब दिए, जिनमें पूछा गया था क्या कंपनी चीन के बाजार में फिर से प्रवेश के लिए वहां की सरकार की मांगें मान सकती है। पिचाई संसद की न्यायिक समिति के समक्ष पेश हुए। इससे पहले पिचाई ने अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने में दूसरे देशों की सरकारों की भूमिका को लेकर बयान देने के लिए सीनेट की एक समिति के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था।
अक्टूबर में गूगल ने अपनी सोशल मीडिया वेबसाइट प्लस को बंद करने का ऐलान किया था। कंपनी ने मार्च में इस वेबसाइट के जरिए लगभग पांच लाख लोगों की निजी सूचना के चोरी होने की बात सामने आने के बाद यह घोषणा की थी।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्टवॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गूगल ने तब जानबूझकर आंकड़ों में सेंध की खबर सार्वजनिक नहीं की थी। इसके पीछे उसका मकसद नियामकीय जांच से बचना और कंपनी की छवि को धूमिल होने से बचाना था।
हालांकि यह मामला सामने आने के बाद सांसद डेटा की रक्षा में विफल रहने को लेकर गूगल का स्पष्टीकरण चाहते थे।पिचाई का बयानपिचाई ने मंगलवार को समिति के समक्ष कहा, “हम अपने प्रोडक्ट को सुरक्षित बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। हमने उन्हें मानकों पर बनाए रखने के लिए नियंत्रण और संतुलन संबंधी कई कदम उठाए हैं।