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स्ट्रेचर नहीं आया तो अस्पताल की पहली मंजिल तक ले गया ऑटो, बचाई जान

सेंधवा (बड़वानी)। सेंधवा में बुधवार को एक ऑटो चालक की हिम्मत और सूझबूझ की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। हो भी क्यों न, उसने ऐसा काम जो किया। दरअसल, एंबुलेंस नहीं आई तो गर्भवती को ऑटो रिक्शा में अस्पताल ले जाया जा रहा था।

दर्द बढ़ने पर रास्ते में ही प्रसव हो गया। प्रसूता और बच्चे की जान बचाने के लिए चालक तेजी से ऑटो अस्पताल लेकर पहुंचा। अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिला तो भी उसने हिम्मत नहीं हारी और रैंप के सहारे ही ऑटो को पहली मंजिल पर प्रसूता वार्ड तक ले गया। इससे प्रसूता और नवजात बच्ची को चिकित्सा सहायता मिल गई। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

देवझीरी कॉलोनी निवासी महिला सुमन (22) पति दिनेश के पिता भूरु ने बताया कि अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस को फोन लगाया था। काफी देर तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। इस पर पड़ोस में रहने वाले ऑटो चालक इमरान मिर्जा से मदद मांगी। वे सहर्ष अस्पताल जाने को राजी हो गए।

रास्ते में ही सुमन की प्रसव पीड़ा बढ़ गई। आसपास मौजूद महिलाओं की मदद से प्रसूति करवाना पड़ी। अस्पताल पहुंचकर स्ट्रेचर नहीं मिला। मां-बच्ची की हालत को देखते हुए इमरान ने तत्काल फैसला लिया और रैंन के सहारे ऑटो पहली मंजिल पर पहुंचा दिया। इमरान की वजह से ही दोनों की जान बच सकी है।

सिविल अस्पताल में मौजूद जिसने भी यह नजारा देखा, वह ऑटो चालक इमरान की सूझबूझ का कायल हो गया। लोगों ने दिल खोल कर उसकी प्रशंसा की। लोगों का कहना था कि यदि इमरान तत्काल ऑटो अस्पताल में ले जाने का निर्णय नहीं लेता तो संभव है, मां-बच्ची की तबीयत बिगड़ सकती थी।

वार्ड बॉय मौजूद थे

उधर, बीएमओ डॉ. जेपी पंडित ने बताया कि बुधवार करीब दो बजे सुमन पति दिनेश और नवजात अस्पताल पहुंचे। तब वहां दो वार्ड बॉय और स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे। वे जब तक स्ट्रेचर लेकर आते, चालक ने ऑटो अस्पताल में घुसा दिया। उन्होंने ऑटो चालक के इस निर्णय को गलत बताया।