उज्जैनदेवासदेशमध्य प्रदेश

उनचालिस वर्षों के बाद किन्नरों का 15 दिवसीय सम्मेलन 1 जनवरी से देवास में , देश भर के कई राज्यों से आयेंगे किन्नर

उनचालिस वर्षों के बाद किन्नरों का अंतर्राज्यीय सम्मेलन 1 जनवरी से देवास में
15 दिवसीय सम्मेलन में होंगे कई प्रकार के आयोजन
देश भर के कई राज्यों से आयेंगे किन्नर
पुरानी परंपरा को जीवंत रखते हुए डाक पत्र के द्वारा दिये आमंत्रण
देवास।
उनचालिस वर्ष के बाद किन्नरों का अंतर्राज्यीय सम्मेलन आयोजित होने वाला है। इस सम्मेलन में कई राज्यों से पाच हजार से अधिक किन्नरों के आने की संभावना है। इस सम्मेलन में अलग-अलग राज्यों से किन्नरों को निमंत्रण पुरानी नीति के हिसाब से किया गया है। आजकल सोशल मीडिया का जमाना है जिस किसी के पास देखो नवीनतम किस्म के मोबाइल फोन मिलते हैं जिस पर आजकल अधिकांश निमंत्रण दिया जाता है। लेकिन यहां पर किन्नर समुदाय ने पुरानी पहचान को जीवंत रखते हुए 5 हजार से अधिक आमंत्रण पत्र पोस्ट कार्ड के माध्यम से दिये हैं। जिसके बाद हजारों किन्नरों का मैला अब पश्े वर्ष में लगेगा। पूर्व में वर्ष 1980 में यहां पर अंतर्राज्यीय स्तर पर जवाहर चौक में सम्मेलन अयोजित हुआ था। उसके बाद अब सम्मेलन बड़े पैमाने पर आयोजित होगा।
उनचालिस वर्षों के बाद किन्नरों का महासम्मेलन मंगलमुखी परिवार के द्वारा एबी रोड़ गुलशन गार्डन पर होगा। जहां देवास व आसपास के लोगों को सम्मेलन देखने को मिलेगा। यहां देश भर के कई राज्यों से किन्नर एक स्थान पर एकत्रित होंगे और उनके समुदाय का महासम्मेलन करेंगे। इस सम्मेलन के लिये शहर के प्रतिष्ठित लोगों व सामाजिक संगठनों ने आर्थिक रूप से किन्नर समुदाय की मदद की है। इस सम्मेलन के लिये किन्नर सलमा नायक बडऩगर ने बताया की नये वर्ष में मंगल कार्य हो इस हेतु सम्मेलन 1 से 15 जनवरी तक आयोजित होगा। जिसके लिये विशेष रूप से तैयारी की जा रही है। इस सम्मेलन के लिये तीन बड़े डोन पांडाल बनाये जा रहे हैं। इसके साथ ही बाहर से आ रहे किन्नरों की विशेष रूप से व्यवस्था भी की गई है। सम्मेलन के लिये किन्नरों ने बताया की विश्व प्रसिद्ध माँ चामुण्डा व तुलजेश्वरी माता का आर्शिवाद हमें हमेशा मंगल कार्यों के लिये मिलता रहता है। हम माँ चामुण्डा व तुलजेश्वरी के प्रति भी अपनी आस्था रखते हुए उनका भी पूजन करते हैं, जिससे हमें उच्च फल की प्राप्ति सदैव होती है।
तब जागीरदार को तोला था फूलों से
किन्नरों ने बताया की वर्ष 1980 में जवाहर चौक में जब अंतर्राज्यीय सम्मेलन आयोजित हुआ था। उस दौरान तत्कालीन जागीरदार पीरू को गुलाब के फूलों से तोला गया था। उस दौरान देवास शहर में किन्नर समुदाय का सबसे बड़ा सम्मेलन आयोजित किया गया था।
इन राज्यों से आयेंगे किन्नर
इस सम्मेलन में देश भर के कई राज्यों से आ रहे किन्नरों का मैला लगेगा। अंतर्राज्यीय सम्मेलन में मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, व अन्य राज्यों से किन्नरों का आगमन देवास में होगा।
तारिफ होती है देवास की
किन्नर सलमा नायक ने बताया की किन्नर समाज के लोग आज भी देवास शहर की तारिफ करते हैं। उन्हें आशा है की पूर्व में जब वर्ष 1980 में जिस प्रकार से किन्नर समाज के सम्मेलन में शहर के लोगों ने जिस पर हमें प्रोत्साहित किया था। उसी प्रकार वे आज भी हमें प्रोत्साहित कर सहयोग करेंगे। जिसके हम आभारी रहेगें।
कलश यात्रा से होगी
किन्नरों ने बताया की सम्मेलन में बड़े पैमाने पर कलश यात्रा निकलेगी जिसके चलते पूरे शहर भर में किन्नर पैदल सयाजी द्वार से कलश यात्रा आरंभ करेंगे। जिसमें बाहर से आ रहे बुजुुर्ग किन्नरों की व्यवस्था अलग से की जायेगी। कलश यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से जिसमें एमजी रोड़ से जवाहर चौक आयेगी, वहां से मनकामनेश्वर मंदिर आयेगी। यहां से श्यामलात रोड़ होते हुए एबी रोड़ पर आयेगी यहां से सम्मेलन स्थल गुलशन गार्डन पर यात्रा समाप्त होगी। इसके साथ ही किन्नरों के देवताओं का पूजन बड़े पैमाने पर होगा। साथ ही 15 दिन तक देवास में किन्नरों का समागम होगा।