मल्टीमीडिया डेस्क। मयंक अग्रवाल ने टीम इंडिया की ओपनिंग बल्लेबाजी की समस्या का बुधवार को मेलबर्न में कुछ हद तक समाधान कर दिया। इस 27 वर्षीय बल्लेबाज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में यादगार डेब्यू किया। बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में मयंक ने अर्द्धशतकीय पारी खेल दिखा दिया कि घरेलू क्रिकेट के बाद अब उनमें इंटरनेशनल क्रिकेट में भी प्रभाव छोड़ने की क्षमता हैं।
नियमित ओपनर्स मुरली विजय और केएल राहुल को बाहर किए जाने की वजह से हनुमा विहारी के साथ पारी की शुरुआत करने उतरे मयंक बिल्कुल भी भयभीत नहीं दिखे। उन्होंने गेंदों को उनकी गुणवत्ता के हिसाब से खेला। मयंक ने 76 रनों की शानदार पारी खेल मेहमान टीम को इस महत्वपूर्ण टेस्ट मैच में प्रभावी शुरुआत दिलाई। मयंक को वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन उसमें उन्हें मौका नहीं मिला। मयंक इससे विचलित नहीं हुए और जब पृथ्वी शॉ के चोटिल होने की वजह से उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम दो टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया तो उन्होंने इस मौके को दोनों हाथों से भुनाया।
- मयंक ने नाथन लियोन की गेंद पर चौका लगाकर फिफ्टी पूरी की। वे डेब्यू टेस्ट मैच में फिफ्टी लगाने वाले भारत के सातवें ओपनर बने। उनसे पहले इस सूची में सुनील गावस्कर (1971 वि. वेस्टइंडीज), शिखर धवन (2013, ऑस्ट्रेलिया), पृथ्वी शॉ (2018, वेस्टइंडीज), अरूणलाल (1982, श्रीलंका), हुसैन (1934, इंग्लैंड) और इब्राहिम (1948, वेस्टइंडीज) शामिल थे।
- मयंक ने डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में फिफ्टी लगाई। वे डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में फिफ्टी लगाने वाले पृथ्वी शॉ के बाद भारत के दूसरे ओपनर बने। शॉ ने 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में 2018 में पहली पारी में 134 रन बनाए थे।
- मयंक ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू टेस्ट में फिफ्टी लगाने वाले दूसरे भारतीय क्रिकेटर बने। उनसे पहले यह करिश्मा भारत के दत्तू फड़कर ने 1947 में किया था। फड़कर ने सिडनी में 51 रनों का पारी खेली थी।