मल्टीमीडिया डेस्क। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच बुधवार से खेला जाएगा। भारतीय कप्तान विराट कोहली इस टेस्ट मैच में भारत को जीत दिलाकर सीरीज में बढ़त दिलाने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे। कोहली के लिए टीम की जीत तो महत्वपूर्ण है साथ ही सचिन तेंडुलकर का एक खास रिकॉर्ड भी उनके निशाने पर रहेगा।
मास्टर ब्लास्टर तेंडुलकर के नाम एक कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा शतक लगाने का रिकॉर्ड है। सचिन ने 1998 में सभी फॉर्मेट में मिलाकर 12 शतक लगाए थे और उन्होंने यह रिकॉर्ड 20 वर्ष से बरकरार है। उन्होंने उस साल 34 वनडे में 9 और 5 टेस्ट मैचों में 3 शतक लगाए थे। इस सूची में विराट कोहली और रिकी पोंटिंग 11-11 शतकों के साथ संयुक्त रूप से दूसरे क्रम पर हैं। कोहली तो यह उपलब्धि दो बार (2017 और 2018) हासिल कर चुके हैं। कोहली के पास सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी करने या इस रिकॉर्ड को तोड़ने का मौका रहेगा और वे मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट में इसे हासिल कर सकते हैं।
वर्ष 2018 में विराट का प्रदर्शन :
विराट के लिए यह साल बहुत अच्छा साबित हो रहा है। इस वर्ष उनका बल्ला रन उगल रहा है। वे कुल मिलाकर 36 मैचों में 69.81 की औसत से 2653 रन बना चुके हैं। उन्होंने इस दौरान 12 टेस्ट मैचों में 5 शतक और 14 वनडे में 6 सेंचुरी लगाई है। कोहली वर्तमान सीरीज में पर्थ टेस्ट में शतक लगा चुके है और यदि वे मेलबर्न में एक पारी में शतक लगाएंगे तो सचिन की बराबरी पर पहुंच जाएंगे और दोनों पारियों में शतक लगाएंगे तो सचिन को पीछे छोड़ देंगे।
एक कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा शतक (सभी फॉर्मेट मिलाकर)
शतक | बल्लेबाज | वर्ष | मैच |
12 | सचिन तेंडुलकर (भारत) | 1998 | 39 |
11 | विराट कोहली (भारत) | 2018 | 36 |
11 | रिकी पोंटिंग (भारत) | 2003 | 45 |
11 | विराट कोहली (भारत) | 2017 | 46 |
विराट इस उपलब्धि से 82 रन दूर :
विराट के पास मिस्टर भरोसेमंद राहुल द्रविड़ को पीछे छोड़ने का मौका रहेगा। विराट इस साल विदेशी धरती पर 10 टेस्ट मैचों में 52.80 की औसत से 1056 रन बना चुके हैं। एक कैलेंडर वर्ष में विदेश में सबसे ज्यादा रन बनाने का भारतीय रिकॉर्ड द्रविड़ के नाम दर्ज है जिन्होंने 2002 में 11 टेस्ट मैचों में 68.88 की औसत से 1137 रन बनाए हैं। विराट को द्रविड़ को पीछे छोड़ने के लिए 82 रन और बनाने होंगे।