होम

पर्थ में बुमराह के सामने बल्लेबाजी करते हुए मैं भी डरता : कोहली

मेलबोर्न। मेलबोर्न टेस्ट जीतने के बाद भारतीय कप्तान ने कहा कि मेरे अनुसार जसप्रीत दुनिया का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज है। वह मैच विजेता है, इसमें कोई संदेह नहीं, फिर भले ही वह सिर्फ 12 महीने से टेस्ट क्रिकेट खेल रहा है। मेरे कहने का मतलब है कि अगर पर्थ जैसी पिच है तो मैं बुमराह का सामना नहीं करना चाहता क्योंकि अगर वह लय में आ गया तो आपको ध्वस्त कर सकता है। वह जिस तरह गेंदबाजी करता है, वह किसी भी अन्य गेंदबाज से काफी अलग है।

मुझे लगता है कि वह बल्लेबाज से अधिक इसे महसूस करता है। यही कारण है कि वह अपने कौशल को लेकर इतना आश्वस्त है। कोहली ने कहा कि बुमराह की बेहतरीन फिटनेस, काम के प्रति ईमानदारी और कौशल के कारण मैंने और मुख्य कोच रवि शास्त्री ने दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले उनके नाम पर गंभीरता से विचार किया।

उसकी मानसिकता उसे फिलहाल दुनिया के अन्य गेंदबाजों से अलग बनाती है। वह पिच को देखता है और यह नहीं सोचता कि इन विकेटों पर काफी मशक्कत करनी होगी। वह सोचता है कि मैं कैसे टीम के लिए विकेट हासिल करूं। आपकी मानसिकता आपको बाकियों से अलग करती है।

उन्होंने कहा कि बुमराह पर्थ में भाग्यशाली नहीं रहे थे, क्योंकि वह वहां विकेट नहीं ले पाए थे। इसके बाद हमने उनसे बात की और नतीजा साफ है कि यहां उन्होंने गुच्छों में विकेट मिले। उन्होंने मेलबोर्न टेस्ट की इस जीत में अहम भूमिका निभाई। हमारे तीनों तेज गेंदबाजों ने एक कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड तोड़ा है। यह हमारी पेस तिकड़ी के लिए शानदार अहसास है।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट बढिय़ा

कोहली ने कहा कि हमारी प्रथम श्रेणी क्रिकेट शानदार है, इसलिए हम यहां जीत पाए हैं। इस जीत का श्रेय भारत के प्रथम श्रेणी क्रिकेट को जाना बनता है। वहां तेज गेंदबाजों के लिए चुनौतियां कड़ी हैं और इसीलिए वे विदेशों इस तरह का परफॉर्म कर पा रहे हैं। भारतीय कप्तान ने यह टिप्पणी करते हुए किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन यह साफ है कि वह पूर्व ऑस्ट्रेलियाई लेग ब्रेक बोलर और कमेंटेटर ओकीफ को जवाब दे रहे थे। मैच के बाद मैन ऑफ द मैच का खिताब पाने वाले बुमराह ने भी साफ किया कि उनकी इस कामयाबी के पीछे रणजी ट्रॉफी क्रिकेट का बड़ा योगदान है।

सिडनी में भी जीतने की चाहत

विराट ने कहा कि यहां जीतकर हमारा विश्वास और बढ़ा है। हम अब सिडनी में भी और ज्यादा सकारात्मकता के साथ उतरेंगे। हमने इस दौरे पर अभी तक जिन दो टेस्ट में जीत दर्ज की है, उसमें हमने खेल के हर क्षेत्र में उम्दा प्रदर्शन किया है। यही कारण है कि हमने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को अपने पास सुरक्षित रख लिया है लेकिन अभी काम पूरा नहीं हुआ है। इस जीत के बाद हम संतुष्ट नहीं होने वाले।

हम सीरीज का अंतिम टेस्ट मैच भी जीतने के लिए तैयार हैं। ऑस्ट्रेलिया को फॉलोऑन नहीं देने पर आलोचना के सवाल पर उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ मैंने किसी की टिप्पणी नहीं पढ़ी। लोग मेरे फैसले पर क्या सोच रहे थे, इस सब पर महत्व ये रखता है कि बतौर टीम हम ड्रेसिंग रूम में बैठकर क्या तय कर रहे हैं। हम बिल्कुल स्पष्ट थे कि मैच की तीसरी पारी में हमें बल्लेबाजी करके ज्यादा से ज्यादा रन बनाने हैं पिच लगातार खराब होती जा रही थी और हमने वैसा ही किया। मैं हमेशा मानता हूं कि चौथी पारी में 400 के करीब का स्कोर हमेशा ही किसी भी टीम के लिए चुनौतीपूर्ण होता है और हमें पता था कि ऑस्ट्रेलिया को इस मुश्किल पिच पर यह लक्ष्य हासिल करने में बहुत ही मुश्किल चुनौतियां आएंगी।

मयंक-पुजारा शानदार

भारतीय कप्तान ने इस टेस्ट में पदार्पण करने वाले मयंक अग्रवाल और अनुभवी चेतेश्वर पुजारा की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मयंक शानदार दिखे। उन्होंने खुद को बेहतरीन दर्शाया। पुजारा हमेशा की ही तरह इस बार भी उम्दा खेले। कोई भी खिलाड़ी व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए नहीं खेल रहा। हमारे सभी खिलाड़ी टीम के हित के लिए योगदान देना चाहते हैं। विहारी ने हमारे लिए नई गेंद से पहले 15 ओवर बल्लेबाजी जिससे टीम को लाभ हुआ। इसके बाद रोहित ने नंबर छह पर आकर टीम के लिए उपयोगी रन जोड़े। इससे टीम को खासा लाभ हुआ।