उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

थानों में नहीं पूरा बल, कैसे होगी अवकाश की समस्या हल

जब थानों में नहीं पूरा बल…..!!
तो कैसे होगी अवकाश की समस्या हल

देवास। पुलिस विभाग में साप्ताहिक अवकाश को लेकर कई पुलिस कर्मी एक और खुश नजर आते हैं तो कई अधिकारी नाखुश नजर आते हैं। प्रदेश मुखिया के द्वारा लिये गये फैसले से आमजनों में भी संतुष्टि नजर नहीं आती है। वैसे प्रदेश की नजर से देखें तो आम तौर पर अपराधों का आंकड़ा बढ़ा हुआ ही नजर आता है। ऐसे में अपराधों पर अंकुश लगाने की बात तो दूर की कौढ़ी हो गई, और पुलिस विभाग में अवकाश की सूचना से विभाग में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। हाँलाकि ये भी मानने में आता है की पुलिस विभाग के कर्मी जिस स्तर पर कार्य करते हैं उस स्तर पर कार्य करना भी बड़ा पैचीदा होता है। उसके लिये उन्हें अवकाश देना भी एक स्तर पर ठीक माना जा सकता है। लेकिन वे अवकाश भी तब हों जब अनावश्यक रूप से अवकाश बना रहे पुलिस कर्मी प्रतिदिन की भांति अपने जज्बे के साथ उनकी ड्युटी पर दिखाई दें। खास तौर पर ये अवकाश तब हो जब अपराधों का ग्राफ कुछ हद तक कम और निष्क्रिय दिखाई दे। लेकिन यहां पर तो प्रदेश मुखिया के द्वारा लिया गये फैसले से कहीं खुशी तो कहीं गम दिखाई दे रहा है।
पुलिस विभाग में अधिकांश पुलिसकर्मी साप्ताहिक अवकाश की तैयारियों से खुश हैं लेकिन सीनियर पुलिसकर्मी इससे ज्यादा आश्वस्त नहीं हैं। वजह है थानों में बल की कमी के कारण जरूरत पर ही उन्हें पर्याप्त छुट्टी नहीं मिलती तो वीकली ऑफ योजना का हश्र क्या होगा वे जानते हैं। इस संबंध में चर्चा करने पर अनुशासन के कारण पुलिसकर्मियों खुलकर कुछ नहीं बोल पाए लेकिन इतना जरूर कह रहे कि हक की पूरी छुट्टियां मिल जाए उतना ही बहुत है। नियमानुसार पुलिसकर्मियों को सालभर में 61 छुट्टियों का अधिकार है लेकिन अधिकांश जिले बल की कमी से जूझ रहे है। नतीजन थाना कितना ही बड़ा हो या वहां कि स्थिति कैसी भी हो, सभी को बल की कमी के कारण अतिरिक्त काम करना पड़ता है। यही वजह है हक होने के बाद भी जब पुलिसकर्मियों को जरूरत पडऩे पर अधिकारी पर्याप्त छुट्टी नहीं दे पाते तो साप्ताहिक अवकाश का आदेश कितने समय कारगर रह पाएंगे। उल्लेखनीय है की मुख्यमंत्री कमलनाथ के आदेशानुसार प्रदेश के कई जिलों में पुलिसकर्मियों को अवकाश देना शुरू कर दिया गया है। जिले के थानों में कैलेंडर बनाकर अवकाश देने की रणनीति तय की जा रही है। इसे लेकर काफी पुलिसकर्मी खुश भी हैं, तो कई विभागीय अधिकारी नाखुश नजर आते हैं।
यह रहेगा अवकाश का हिसाब
अवकाश के लिए बन रहे रोस्टर अनुसार प्रतिदिन एक थाने से 3 पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाएगा। जिले में फिलहाल 21 से 22 थानों के साथ विभिन्न शाखाएं और कार्यालय भी हैं। करीब 80 से 85 पुलिसकर्मी रोज साप्ताहिक अवकाश पर होंगे। इसके अलावा जिले में प्रतिदिन करीब 20 पुलिसकर्मी अपने हक की छुट्टियों पर होते हैं। अब अनुमान लगा लीजिए की जब बिना अवकाश के ही थाने पर घटनाओं में घायलों को अस्पताल ले जाने वाले नहीं होते तो फिर अवकाश के बाद क्या स्थिति होगी। इसे देखते हुए साप्ताहिक अवकाश योजना का सफल होना संदेह के घेरे में है।