उज्जैनदेवासमध्य प्रदेश

मंगलमुखी नाचते हुए शहर में निकले, देखने को लगा लोगों का हूजूम दिल खोलकर बांटी शहर वासियों को बाहर से आए किन्नरों ने दुआएं

मंगलमुखी नाचते हुए शहर में निकले, देखने को लगा लोगों का हूजूम
दिल खोलकर बांटी शहर वासियों को बाहर से आए किन्नरों ने दुआएं
मंदिरों पर घंटी व मजार पर चढ़ाई चादर
देवास।
शहर में गत दिनों से किन्नर समाज का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसके तहत देश भर के किन्नरों ने इस सम्मेलन में अपनी सहभागिता दिखाई। शुक्रवार को किन्नरों की कलश यात्रा शहर में निकली जहां मौजूद लोगों ने किन्नरों से आर्शिवाद लिया, वहीं इसमें पुरूषों को पीछे छोड़ते हुए महिलाओं, बच्चों ने भी किन्नरों से आर्शिवाद लिया।
शहर में नये वर्ष की अगुवाई मंगलमुखी सम्मेलन से शुरू हुई जिसके चलते शहर में राष्ट्रीय किन्नर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें देशभर से किन्नर शामिल हुए। शुक्रवार को सजधज कर आये किन्नरों की कलश यात्रा आकर्षण का केंद्र रही। कलश यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया। कलश यात्रा में किन्नर बैंडबाजे और ढोल ताशों पर नाचते हुए चल रहे थे। अ.भा. किन्नर महासम्मेलन के 11 वें दिन शहर में गंगा पूजन के बाद कलश यात्रा निकाली गई। सिर पर कलश उठाए मंगलमुखियों ने उमड़े हजारों लोगों को दुआएं बांटी और देश में एकता, भाईचारे व सुख-समृद्घि की मंगल कामनाएं की। तरह-तरह की वेशभूषा में शामिल मंगलमुखियों ने फिल्मी, भजन एवं देशभक्ति गीतों पर जमकर नृत्य किया। इनका 60 से अधिक स्थानों पर लोगों ने स्वागत किया। सड़कें फूलों से पट गई। शुक्रवार सुबह 10 बजे से गंगा पूजन से शुरुआत हुई। इसके बाद दोपहर 12 बजे से कलश यात्रा प्रारंभ हुई। इसमें मंगलमुखी सिर पर कलश धारण किए हुए थे, जिनके लोगों ने दर्शन व पैर छुकर आशीर्वाद लिया। देवास शहर में उनचालिस वर्ष के बाद पहला ऐसा मौका था जब किन्नरों की कलश यात्रा पहली बार शहर के बीच में निकाली गई। इस कलश यात्रा को देखते ही उज्जैन में आयोजित कुंभ का दृश्य सामने आ गया था। जब किन्नरों का अखाड़ा उज्जैन में सिंहस्थ के दौरान निकाला गया था। शुक्रवार को निकली कलश यात्रा के दौरान भी यही माहौल देखने को मिला। वहीं जुलूस को देखने व सेल्फी लेने के लिए होड़ में आए लोगों के बीच सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए जहां पुलिसकर्मी को मशक्कत करना पड़ी। वहीं निजी सुरक्षाकर्मियों द्वारा भी उतनी ही मेहनत करना पड़ी प्रख्यात किन्नरों के बीच निजी सुरक्षाकर्मी भी लोगों से उनका बचाव करते नजर आये।
सेल्फी के लिये जुटे
एक और किन्नर समाज की बड़े पैमाने पर कलश यात्रा निकाली गई। जहां पूर्व से कई किन्नर सयाजी द्वार पर कलेक्टर कार्यालय के सामने एकत्रित हो रहे थे। वहीं इसी बीच विवेकानंद की प्रतिमा के निकट आये किन्नरों के साथ शहर के कई युवा वर्ग से लेकर महिलाओं ने अपने मोबाइल फोन से किन्नरों के साथ सेल्फी फोटो भी खिंचवाई।
सिक्का देकर लिया आर्शिवाद
कलश यात्रा के दौरान किन्नर समुदाय के लोगों से मौजूद आम लोगों ने सिक्का देकर किन्नरों के दाँत से दबवाकर उस सिक्के को लाभ हेतु अपने पास रखा। मान्यता है की किन्नरों से मिला पैसा आम तौर पर कई लोग इसलिये रखते हैं कि उनके पास कभी पैसों की कमी नहीं आती है। इसके तहत लोगों ने सिक्का देकर लाभ का आर्शिवाद किन्नरों से लिया। जिसमें महिलाओं ने भी इस प्रकार से आर्शिवाद लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बैंड और ढोल की धुन पर झूमे किन्नर
चल समारोह में बैंड की स्वरलहरियों पर भजन व फिल्मी गीतों पर किन्नर झूमते हुए नजर आए। उनके नृत्य को देखने के लिए लोगों में उत्साह रहा। जहां-जहां जूलूस निकला वहां वहां भीड़ इतनी रही के पैर रखने तक की जगह नहीं मिली। सबसे आगे नाचती हुई घोडिय़ां थीं। इसके बाद बैंड जुलूस अगुवाई करता नजर आया। बैंड के कलाकारों द्वारा गाए जा रहे भजन व गीतों पर कई किन्नर झूमते-नाचते चल रहे थे।
शिव शक्ति सेवा मंडल ने किया स्वागत
शहर में निकली किन्नरों की कलश यात्रा का स्वागत शहर की प्रतिष्ठित सेवा समिति शिव शक्ति सेवा मंडल के द्वारा किन्नरों की कलश यात्रा का स्वागत मंडल के सदस्यों ने किया जहां किन्नरों के महामण्डलेश्वरों को श्रीफल व केशरीया पंछा उड़ाकर सम्मान किया गया।
पलक पावड़े बिछाकर किया स्वागत
स्वागत करने के लिये शहर में भर में से आम लोगों ने किन्नरों का स्वागत बड़े पैमाने पर किया। इसके साथ ही शहर की कई सामाजिक संस्थाओं ने भी स्वागत मंचा लगाकर स्वागत किये। जिसमें जय हो मित्र मण्डल द्वारा कैलादेवी चौराहा पर स्वागत किया। वहीं इसी तरह शहर में कई मंचों से किन्नरों का स्वागत किया गया। सड़क के दोनों ओर लोग खड़े होकर मंगलमुखियों के दर्शन व आशीर्वाद लेने के लिए खड़े रहे। इनमें छोटे से लेकर बुजुर्ग तक शामिल थे। जुलूस का 60 से अधिक स्थानों पर शानदार स्वागत हुआ।
दो स्थानों पर किया तुलादान
अखिल भारतीय किन्नर समाज के 15 दिवसीय सम्मेलन के अंतर्गत 11 जनवरी को नगर वासियों को आशीर्वाद देने हेतु शोभायात्रा का आयोजन किया गया। लक्ष्मी बाबूलाल पारमार्थिक ट्रस्ट की ओर से खेड़ापति मन्दिर परिसर में महामंडलेश्वरो एवं देवास के गादीपतियों का गुड़ से तुलादान एवं सम्मान किया गया। महामंडलेश्वरगण एवं देवास किन्नर समाज के गादीपति सोनिया गुरु, जया गुरु, रानी गुरु का सात क्वींटल गुड़ से तुलादान किया गया। ये गुड़ नगर की गौशालाओं को प्रदान किया जावेगा। इसी तरह किन्नर समाज द्वारा निकाली गई कलश यात्रा का केदारेश्वर उत्सव समिति के संयोजक एवं मप्र कांग्रेस कमेटी महासचिव शिवा चौधरी के नेतृत्व मे नावेल्टी चौराहे पर सोनिया नायक एवं जया दीदी को गुड़ से तोलकर गुड़ गरीबो मे वितरीत किया गया।
यहां हुई परेशानी
कलश यात्रा के दौरान जो किन्नर कलश लेकर चल रहे थे, वह समापन रैली के समय सयाजी द्वार पर वाहन ना होने से परेशान होते नजर आए, क्योंकि किन्नर समाज का जुलूस समाप्ति के पश्चात जो किन्नर कलश लेकर चल रहे थे, वे यात्रा में पीछे थे। लेकिन सिर पर पूजा के कलश होने से व गंगा जी के जल से भरे कलश को नीचे ना रखने की स्थिति में वाहनों में भी नहीं बैठ सकते थे। ऐसी स्थिति में सर पर कलश लेकर चल रहे 4 किन्नर परेशान होते नजर आए और आयोजकों को कोसते नजर आए।
इन मंदिरों पर दी घंटी व चादर
किन्नर समुदाय की और से नवागत गादी पीठ पर आसीत हुई सोनिया किन्नर व मौजूद महामण्डलेश्वर ने शहर के बीच स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर बड़ी घंटी दी, फिर जवेरी श्रीराम मंदिर में, भैरव बाबा का मंदिर नावेल्टी चौराहे पर, मनकामनेश्वर मंदिर पर, फिर चरणदास हनुमान मंदिर पर घंटी दी। कलश यात्रा के दौरान ती बत्ती चौराहे पर ख्वाजा गरीब नवाज के चिल्ले पर चादर चढ़ाई गई।
जुलूस की झलकियां-
– जुलूस में मंगलमुखियों ने सिर पर कलश धारण कर रखे थे, जिनके साथ लोग सेल्फी खिंच रहे थे।
– इंदौर से आया बैंड आकर्षण का केंद्र रहा। कलाकारों ने देशभक्ति, भजन व फिल्म गाने बजाए। जिन पर
मंगलमुखी झूमते हुए चल रहे थे।
– किन्नरों को देखने हजारों लोग सड़क के दोनों ओर खड़े रहे। हर कोई डांस देखने में आतुर दिखाई दिए।
– जुलूस में कई मंगलमुखी खुद की सेल्फी लेते हुए चल रहे थे।
– लोग अपने बच्चों को मंगलमुखियों से आशीर्वाद व दुआएं दिलवा रहे थे।
– कुछ किन्नरों गीत भी गा रहे थे।
– वरिष्ठ किन्नर बग्गी व खुले वाहन में सवार थे, जो लोगों को आशीर्वाद देकर उनके लिए मंगल कामनाएं कर रहे थे।