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Ind vs Aus: आगरकर का 15 साल पुराना रिकॉर्ड मेलबर्न में अभी भी बरकरार

मल्टीमीडिया डेस्क। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुक्रवार को तीसरा और निर्णायक वनडे मुकाबला खेला जाएगा। तीन मैचों की सीरीज में इस वक्त दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर है और इसके चलते अंतिम मैच में जोरदार संघर्ष देखने को मिलने की उम्मीद है। वर्तमान वनडे सीरीज में बल्लेबाज जमकर रनों की फसल काट रहे है इसके चलते ऐतिहासिक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर मैच के परिणाम में दोनों टीमों के गेंदबाजों की अहम भूमिका रहेगी। इस मैदान पर वनडे में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन का अजीत आगरकर (42/6) का 15 साल पुराना रिकॉर्ड अभी भी कायम है।

एमसीजी की गिनती दुनिया के सबसे बड़े मैदानों में होती हैं। इसके चलते बल्लेबाजों का काम वैसे ही थोड़ा मुश्किल हो जाएगा। इस मैदान पर अभी तक 148 अंतरराष्ट्रीय वनडे मुकाबले खेले जा चुके हैं और इनमें सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन का रिकॉर्ड भारतीय गेंदबाज अजीत आगरकर के नाम दर्ज है। आगरकर ने 9 जनवरी 2004 को यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में 42 रन देकर 6 विकेट लिए थे। यह आगरकर के वनडे करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी था। वे अपने इस धमाकेदार प्रदर्शन के बावजूद टीम को जीत नहीं दिला पाए थे। एंड्रयू साइमंड्स का ऑलराउंड प्रदर्शन आगरकर पर भारी पड़ा था और मेजबान टीम ने यह मुकाबला 18 रनों से जीता था।

मेलबर्न में 11 साल बाद ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क उनका रिकॉर्ड तोड़ने के करीब पहुंच गए थे लेकिन ऐसा कर नहीं पाए। स्टार्क ने भारत के खिलाफ वनडे में 43 रनों पर 6 विकट लिए थे। यह इस मैदान पर किसी वनडे मैच में गेंदबाज का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

आगरकर का प्रदर्शन नहीं आया था टीम के काम : 

9 जनवरी 2004 को वीबी सीरीज के पहले मैच में आगरकर ने कंगारू टीम को शुरुआती झटके दिए। 89 रनों पर 4 विकेट की विषम स्थिति के बाद साइमंड्स (88) और माइकल क्लार्क (63) ने पांचवें विकेट के लिए 143 रनों की साझेदारी कर पारी को संभाला। साइमंड्स ने 5 चौके और 3 छक्के लगाए जबकि क्लार्क ने 6 चौके और 1 छक्का जड़ा। ऑस्ट्रेलिया की पारी 48.3 ओवरों में 288 रनों पर समाप्त हुई। इसके जवाब में भारत की पारी 49 ओवरों में 270 रनों पर सिमटी। सचिन तेंडुलकर (63) और वीरेंद्र सहवाग (35) ने पहले विकेट के लिए 103 रन जोड़े। इसके बाद कप्तान सौरव गांगुली ने 82 रन बनाए लेकिन दूसरे छोर से उन्हें सहयोग नहीं मिला।