उज्जैनमध्य प्रदेश

केंद्रीय टीम ने पूछा सवाल, लोगों का जवाब- स्वच्छ भारत मिशन के दो लक्ष्य, दोनों ही पूरे

उज्जैन: स्वच्छता के प्रति लोगों की आदत में सुधार लाने को पांच साल पहले शुरू किया स्वच्छ भारत मिशन इस साल पूरा होने वाला है। मिशन के दो लक्ष्य थे। पहला, शहर को खुले में शौच मुक्त करना और दूसरा कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन करना। इन दोनों ही लक्ष्य को साधने में उज्जैन काफी हद तक कामयाब रहा है। शहरवासियों ने स्वच्छता का इम्तिहान लेने आई केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय की टीम द्वारा पूछे सवालों के जवाब में इसकी तस्दीक की है। कहा है कि अब उज्जैन शहर पहले से कई गुना अधिक साफ-सुथरा शहर है। यहां के सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय अब अधिक साफ हैं।

मालूम हो कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2019 का इम्तिहान देने के लिए उज्जैन नगर निगम ने कई कार्य किए हैं। स्वच्छता के लिए किए पांच प्रमुख कार्यों को जनता सराह रही है। पहला डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, दूसरा सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों का रिनोवेशन, तीसरा व्यवसायिक क्षेत्रों में तीन वक्त और रहवासी क्षेत्र में दो वक्त साफ-सफाई, चौथा कचरे से खाद, अगरबत्ती, कागज बनवाने का कारखाना खुलवाना और पांचवा पॉलीथिन का इस्तेमाल एवं गंदगी करने वालों से जुर्माना वसूला। स्वच्छता सर्वेक्षण करने आई टीम इन पांच कार्यों के इर्द-गिर्द ही लोगों से सवाल पूछ रही है। जवाब का वीडियो बनाकर दिल्ली निर्धारित प्लेटफार्म पर भेज रही है। मंगलवार को टीम के सदस्यों ने नानाखेड़ा बस स्टैंड के दुकानदारों, रवींद्रनगर एवं दमदमा के रहवासियों, दिव्यांग पार्क में घूमने आए लोगों से सवाल किए। दमदमा एक महिला से पूछा कि डोर टू डोर कचरा कलेक्शन गाड़ी में कितने बॉक्स होते हैं। जवाब मिला, तीन। एक गीले कचरे का, एक सूखे कचरे का और एक सैनेटरी नेपकिन का। टीम ने डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में लगी एक गाड़ी भी चेक की।

उज्जैन को स्वच्छ बनाने में बच्चों का बड़ा योगदान

उज्जैन को स्वच्छ बनाने में बच्चों का बड़ा योगदान रहा है। क्योंकि इन बच्चों को टारगेट करके ही नगर निगम ने कई कार्यक्रम किए। निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने संस्था ओम साईं विजन और डिवाइन वेस्ट मैनेजमेंट के युवाओं को शहरभर के स्कूल-कॉलेजों में भेजा। बच्चों को स्वच्छता की ताकत दिखाने के लिए नुक्कड़ नाटक कराए। वेस्ट से बेस्ट सामग्री बनाने का प्रशिक्षण दिलाया। जागरूकता कार्यक्रम से जुड़े गजेंद्रसिंह सेंधव, अरविंद तोमर और देवेंद्रसिंह और उनकी ठीम ने स्लोगन, रंगोली, चित्रकला प्रतियोगिता कराई। रैली निकलवाई। घर-घर जाकर गीला-सूखा कचरा अलग रखने और गंदगी न करने की समझाइश दी।

सिंहस्थ का नजारा…शिप्रा ब्रिज पर लगाए पीले ध्वज

नगर निगम प्रशासन स्वच्छ सर्वेक्षण को उत्सव की तरह मना रहा है। उत्सवी छंटा बिखेरने के लिए शहर को दूल्हन की तरह सजाया गया है। सार्वजनिक दीवारों पर चित्रकारी, चौराहों एवं तिराहों पर आकर्षक स्थापित स्टैच्यू और शिप्रा नदी पर बने सभी ब्रिज पर लहराते पीले ध्वज महाकुंभ सिंहस्थ की याद दिला रहे हैं।