इंदौर। वेबसाइट से खरीदे सामान को खराब बताकर कंपनी से रिफंड लेकर 30 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। आरोपित से तीस लाख का सामान जब्त हुआ है। एसपी जितेंद्र सिंह (साइबर सेल) ने बताया कि आरोपित मोहम्मद (27) पिता मुस्तनसिर महूवाला निवासी स्वामी दयानंद नगर को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित मूलत: कोटा का है।
जनवरी 2018 में अमेजॉन कंपनी ने शिकायत की थी। कंपनी ने कुछ आर्डर की डिटेल और संदिग्ध ईमेल आईडी की जानकारी जांच के लिए सौंपी थी। इसके बाद मामले की जांच टीआई अंबरीष मिश्रा, एसआई आशुतोष मिठास, जितेंद्र चौहान, आरक्षक पवन चौहान, रमेश भिंडे, राकेश व दिनेश सौराष्ट्र को सौंपी गई थी।
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह वेबसाइट पर ब्रांडेड कंपनियों के मंहगे मोबाइल ऑर्डर करता था। डिलिवरी मिलने के बाद उक्त पार्सल खराब होने या फिर टूट-फूट होने की शिकायत अलग-अलग ईमेल आईडी के जरिए कंपनी से करता था। शिकायत मिलने पर कंपनी उसे सामान की पूरी कीमत वापस कर देती थी।
इसके बाद वह पार्सल जेल रोड स्थित मोबाइल दुकानदारों को बेच देता था। उसने एक साल में करीब 50 महंगे मोबाइल की धोखाधड़ी कबूली है। पुलिस ने आरोपित के पास से मोबाइल फोन, वायरलेस राउटर, स्मार्ट वॉच, वायरलेस हेडफोन, निजी बैंक के क्रेडिट कार्ड आदि जब्त किए हैं।
आरोपित ने बताया कि उसके एक दोस्त ने उसे रिफंड वापस लेने का तरीका सिखाया है। वह खुद को वेबसाइट का कर्मचारी बताता था। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। साथ ही जेल रोड के मोबाइल दुकानदारों की भूमिका भी जांच रही है।
पांच हजार से ज्यादा के सामान पर जांच के बाद रिफंड
जनवरी 2018 तक कंपनी 5 हजार कीमत के सामान के खराब होने पर उपभोक्ता को पूरा पैसा लौटा देती थी। फरवरी 2018 के बाद कंपनी ने पांच हजार कीमत से ज्यादा कीमत के सामान पर जांच करने लगी है। पूरी जांच के बाद वह ग्राहकों को रिफंड करती है। इस वजह से भी धोखाधड़ी की शिकायतों में कमी आई है।
3डी मैपिंग ट्रिक का फायदा उठाकर की धोखाधड़ी
पुलिस अफसरों के अनुसार पार्सल के खराब होने की शिकायत होने पर उसकी 3डी मैपिंग की जाती है। उक्त ट्रिक आरोपित के दोस्त को पता थी। इसी का फायदा उठाकर आरोपित ने वेबसाइट को रिफंड करने का मेल किया था। कंपनी के पास मैपिंग की जानकारी जाने के कारण आरोपित को मोबाइल या अन्य सामान की पूरी कीमत वापस कर देती थी
शुरुआत में अपने टूटे मोबाइल की जानकारी दी
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसका मोबाइल टूट गया था। उसने एक मोबाइल ऑनलाइन ऑर्डर किया। मोबाइल का पार्सल मिलने पर उसने अपने टूटे मोबाइल की फोटो खींचकर कंपनी को भेजी। कंपनी को उसने शिकायत में बताया कि जो पार्सल उसे मिला है, वह टूटा हुआ है। कंपनी ने प्रोडक्ट सेम होने से उसे मोबाइल का पूरा रुपया लौटा दिया। पहली धोखाधड़ी में कामयाब होने के बाद वह लगातार ठगी करने लगा।
ओपनबॉक्स डिलिवरी सिस्टम किया शुरू
एसपी के मुताबिक फरवरी 2018 से वेबसाइट ने अपने ग्राहकों के लिए ओपन बॉक्स डिलिवरी सिस्टम शुरू कर दिया था। यह सिस्टम लगातार हो रही कंपनी के साथ ठगी के कारण शुरू किया गया था। पहले डिलिवरी बॉय पार्सल बॉक्स बिना खोले डिलिवर कर देता था। इससे कंपनी को पता नहीं चल पाता था कि उसके ग्राहक को सही सामान मिला है या नहीं। ओपन डिलिवरी सिस्टम शुरू करने के बाद ठगी की शिकायत कम हुई है।