उज्जैनप्रकाश त्रिवेदी की कलम सेमध्य प्रदेश

उज्जैन-आलोट लोकसभा कौन चुनोती देगा भाजपा को।

उज्जैन- उज्जैन-आलोट लोकसभा सुरक्षित सीट के लिए कांग्रेस का चेहरा कौन होगा?। मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस के लिए उम्मीदवार चुनना चुनोती साबित हो रहा है। कमलनाथ ने तीन बिंदुओं पर खोजबीन शुरू की है। पहला-भाजपा का गढ़ कौन जीत सकता है,यानी सर्वमान्य चेहरा। इन कसौटी पर विधायक महेश परमार पहले नम्बर पर है,दूसरे नम्बर विधायक रामलाल मालवीय है। फौरी तौर पर पार्टी विधायकों को लड़ाने के मूड में नही है। पर नाक का सवाल होगा तो कमलनाथ महेश परमार पर भरोसा करेंगें।
दूसरा-कौन वर्तमान भाजपा सांसद डॉ. चिंतामणि मालवीय को टक्कर दे सकता हैं?। जातिगत समीकरण के हिसाब से पहले नम्बर पर नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष करन कुमारिया है। पढ़े-लिखे युवा दलित चेहरे के रूप में उनकी पूरे संसदीय क्षेत्र में पहचान है। उनको कांग्रेस के पांचों विधायकों का भी समर्थन है। जिला एवं शहर कांग्रेस भी उनके नाम पर सहमत हो सकती है। संसधानों से वे मजबूत है।
दूसरा नाम पुर्व मंत्री बाबुलाल मालवीय का है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का समर्थन प्राप्त है। बलाई समाज का होने के कारण वे डॉ. चिंतामणि मालवीय को टक्कर दे सकते है। उम्र और संसाधनों की कमी जरूर आड़े आ सकती है।
तीसरा क्या नया प्रयोग जीत दिला सकता है। इस लिहाज से बैरवा समाज की महिला नेत्री वंदना मिमरोट और किन्नर महामंडलेश्वर भवानी माँ का नाम भी चर्चा में है। दो मंत्री पुत्र नीतीश सिलावट और पवन वर्मा भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। पर इनका फैसला सीधा हाईकमान से ही होगा।
सूत्रों के अनुसार वाल्मिकी समाज से सम्बंध रखने वाली भवानी माँ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिल चुकी है। बलाई समाज की बहुलता वाली इस सीट पर रविदास समाज और बैरवा समाज की भी बड़ी आबादी है। बैरवा समाज से नाना तिलकर,दीपक मेहरे, ओमप्रकाश विश्वप्रेमी भी प्रयास रत है। पूर्व सांसद हुकुमचंद कछवाय के दोनों बेटे नरेंद्र कछवाय और सुनील कछवाय भी टिकट मांग रहे है।
बलाई समाज के ही अन्य उम्मीदवार भी मैदान में है। जितेंद्र मालवीय शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेश सोनी के भरोसे मैदान में है।
बहरहाल भाजपा और चिंतामणि मालवीय को हराना आसान नही है।
संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में से पांच सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है लेकिन फिर भी भाजपा का वोट ज्यादा है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संसदीय क्षेत्र के पचास नेताओं के साथ बैठक कर रायशुमारी कर ली है। सभी ने पर्ची में नाम लिखकर उन्हें दे दिए है। कमलनाथ के कुर्ते की जेब से निकली पर्चियों से ही उज्जैन के कांग्रेस उम्मीदवार का नाम तय होगा या पार्टी कोई नया प्रयोग करेगी देखना बहुत दिलचस्प होगा।

(प्रकाश त्रिवेदी की कलम से)