उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

केवल आधें घटें में हो गया कलेक्टर का निरीक्षण मरीजों से की चर्चा, अस्पताल में डॉक्टरों के आने व मिलने की ली जानकारी


केवल आधें घटें में हो गया कलेक्टर का निरीक्षण
मरीजों से की चर्चा, अस्पताल में डॉक्टरों के आने व मिलने की ली जानकारी
देवास।
वैसे तो देवास कलेक्टर गर्मी में इतने परेशान है कि उन्होनें सोमवार को अचानक ही जिला अस्पताल का निरीक्षण करने का मन बना लिया और सीधे पंहुच गये जिला चिकित्सालय जहंा पहले तो आपातकाल में व्यवस्थाओं को लेकर थोडे नाराज दिखे। उल्लेखनीय है कि एसडीएम अस्पलात में तीन बार से अधिक निरीक्षण कर चुके है बीच में निरीक्षण के दौरान एसडीएम ने एक शिकायत पेटी अस्पताल में लगाने की बात कही थी जो आज तक दिखाई नही दी । इस बीच आज जब कलेक्टर निरीक्षण करने पंहुचें तो उन्होनें एसडीएम के द्वारा किये गए पुराने निरीक्षणों की कोई ाजानकारी नही ली और सिर्फ आधें घ्ंटे में तीन मजिलों के महात्मा गांधी अस्पताल को ऊपर से नीचे नाप दिया जिसमें उपस्थित अधिकारी कलेक्टर के पीछे- पीेछे नजर आये। जब कलेक्टर आंधे घ्ंाटें में अस्पताल को नाप सकते है तो प्रति मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में वह अनुपस्थित क्यों रहते है जबकि इस हिसाब से जहा आधा घंटे अस्पताल के निरीक्षण में लग रहा है तो एक घंटे में जनसुनवाई भी नाप व तोल कर आवेदकों की शिकायतों को समझ सकते है।
कलेक्टर ने अपनी कार्यप्रणाली के साथ निरीक्षण कर लिया उसके बाद उन्होनें मौजूद डाक्टरों व सीएमएचओ को सख्त हिदायत दी की किसी भी प्रकार से आ रहे मरीजों को कोई परेशानी न हो उन्होनें कहा की यहां पर आने मरीजों को सुविधाएं मिलें यह प्रयास होना चाहिए जिसके लिये हम सभी कटिबद्ध है।
पिछले कई दिनों से जिला अस्पताल के हालात कुछ ऐसे बने हुए थे। जिसको लेकर यहां पर आ रहे मरीजों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसी के चलते पिछले दिनों करीब तीन मर्तबा एसडीएम जीवन सिंह रजक ने यहां पर अकास्मात निरिक्षण किया था। वहीं दो बाद तो शिकायत मिलने के बाद यहां पर आए थे। लेकिन उसके बावजूद भी यहां के हालात बद से बदतर हो गए थे। जिन्हें सुधारने के लिए एसडीएम ने कई प्रकार से प्रयास किए लेकिन कोई हल न निकल सका। इसी के चलते अब कलेक्टर पांडे ने अकास्मात निरिक्षण किया। उन्होनें पाया की यहां पर अव्यवथाऐं काफी है जिनके कारण बाहर से आ रहे मरीजों को बेहद परेशानी का शिकार होना पड़ता है। अब कोई शायद स्थाई हल निकल पाए क्योंकि देर से ही सही मगर कलेक्टर पांडे ने अस्पताल का आखिर निरिक्षण कर ही लिया।
कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने जच्चा-बच्चा वार्ड, नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई, आईसीयू वार्ड का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने जच्चा-बच्चा वार्ड में प्रसूता महिलाओं के परिजनों से चर्चा की। उन्होंने मरीजों से डॉक्टरों के द्वारा नियमित देखने, नि:शुल्क दवाईयां, भोजन व अन्य सुविधाओं आदि के संबंध में पूछताछकर जानकारी ली। उन्होंने मरीजों से यह भी पूछा कि उन्हें कोई परेशानी तो नहीं है। कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने ऑपरेशन से प्रसूति की स्थिति के संबंध में डॉक्टरों से चर्चा की तथा ऑपरेशन द्वारा प्रसूता महिलाओं के परिजनों से विशेष रूप से चर्चा की और उनके हालचाल जाने। कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने जच्चा-बच्चा वार्ड में बेड नंबर तथा मरीजों के नाम भी प्रदर्शित कराने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई का भी निरीक्षण किया। यहां उन्होंने ड्यूटी डॉक्टर व स्टॉफ की जानकारी डिस्प्ले न होने पर नाराजगी प्रकट की तथा सिविल सर्जन को ड्यूटी डॉक्टरों व स्टॉफ की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड लगवाकर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मौजूद ड्यूटी डॉक्टर ने बताया कि आउटवॉर्न यूनिट में 7 तथा इनवॉर्न यूनिट में 9 बच्चे भर्ती हैं। इसके बाद कलेक्टर डॉ. पाण्डेय आईसीयू में पहुंचे और हृदय रोग से पीडि़त मरीजों से चर्चा कर उनके हालचाल जाने। मरीजों के संतुष्ट होने पर प्रसन्नता भी व्यक्त की तथा डॉक्टरों को निर्देश दिए कि मरीजों के साथ स्टॉफ का व्यवहार हमेशा अच्छा होना चाहिए।