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जिला अस्पताल में निती आयोग की टीम ने किया निरिक्षण अव्यवस्था सुधारने के लिए दिए मौके पर दिशा निर्देश


जिला अस्पताल में निती आयोग की टीम ने किया निरिक्षण
अव्यवस्था सुधारने के लिए दिए मौके पर दिशा निर्देश
देवास। जिला चिकित्सालय में कई प्रकार की अव्यवस्था अपने पैर पसार रही है। जहां कई बार इन व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए प्रशासनिक अधिकारीयों को चिकित्सालय आना पड़ता है। फिर भी अव्यवस्थाएं मकड़ी की जाल की तरह बनी हुई है। यहां कई बार अधिकारी व्यवस्थाएं सुचारू बनाने के लिए प्रयास कर चुके हैं लेकिन अस्पताल के अधिकारी-कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी अच्छे से नहीं निभा रहे हैं। कई बार शिकायतें स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों तक भी गई है। लेकिन शिकायतों के बाद भी असरकारक कार्रवाई नहीं हुई। इन्हीं सब मामलों को लेकर शनिवार सुबह दिल्ली से निती आयोग व की टीम जिला अस्पताल पहुंची। जहां उन्होंने सभी विभागों का निरीक्षण किया व जहां भी त्रुटियां पाई गई उसके लिए विभागीय अधिकारी को तत्काल सुधरवाने के निर्देश दिए।
जिला अस्पताल कहा जाए तो खामियों से भरपूर कहलाता है। इन खामियों को पूरा करने के लिए अस्पताल परिसर में जिला प्रशासनिक अधिकारी कई बार निरीक्षण करने पहुंचे जहां उन्होंने अव्यवस्थाओं को देखते हुए नाराजगी प्रकट की थी। पिछले दिनों जिलाधीश अस्पताल गए थे जहां उन्होंने महज आधे घंटे में तीन मंजिला भवन को ऊपर से नीचे तक नाप दिया था। उसके बावजूद भी अव्यवस्था का यहां आलम तो यह है कि गंदगी अस्पताल के परिसर में प्रतिदिन सुबह आसानी से देखी जा सकती है। लेकिन सफाईकर्मी सिर्फ ऊपरी तौर पर साफ-सफाई कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं और निर्धारित समय से पहले ही यहां से चले जाते हैं। शनिवार को दिल्ली और भोपाल से नीति आयोग व वित्त विभाग की टीमें जिला चिकित्सालय पहुंची जहां उन्होंने पहले तो पूरे अस्पताल का भ्रमण किया उसके बाद जहां भी त्रुटियां देखी उसके लिए मौजूद सिविल सर्जन को व्यवस्थाएं सुधरवाने के लिए तत्काल निर्देश दिए। विभागीय सूत्र बताते हैं कि वित्त विभाग की टीम भी अस्पताल में जांच हेतु जल्द आने वाली हैं। सूत्रों की माने तो वित्तीय विभाग पुराने घपलों को लेकर जांच करेगी और जो जांच में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस मामले को लेकर अस्पताल के प्रबंधक से अन्य अधिकारी असमंजस की स्थिति में है कि किस पर गाज गिरेगी।
टीम के आने से पहले हुए तैयार
शनिवार को जब नीति आयोग और वित्त आयोग की टीम के आने की सूचना विभाग के आला अधिकारी व कर्मचारियों को लगी तो वह अपनी नियमित वेशभूषा में आ गए क्योंकि टीम निरीक्षण करें तो यह अधिकारी पूर्णत: वेशभूषा में दिखे जिससे इन कर्मचारियों पर कोई सवालियां निशान खड़ा न हो।
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में कई बार अधिकारी निरीक्षण करने आ चुके हैं लेकिन जिला अस्पताल है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। इससे यह साबित होता है कि अधिकारियों की सुनने वाला अस्पताल में कोई नहीं है और इन्हें किसी भी अधिकारी का कोई खौफ नहीं है। जिला अस्पताल में शनिवार को भी दो टीमें निरीक्षण करने आई जो अव्यवस्थाओं को देखकर उन्हें सुधारने के निर्देश दे रही थी। परंतु देखना यह होगा कि क्या इनका निरीक्षण सफल साबित होता है या नहीं।
जिले के प्रभारी मंत्री जीतू पटवारी जिले की अन्य समस्याओं को लेकर दो बार भ्रमण कर चुके हैं साथ ही चौपाल लगाने में व्यस्त हैं। इस चौपाल में इनके साथ अन्य अधिकारियों को भी साथ रख रहे हैं। जिले का बड़ा अस्पताल जिला चिकित्सालय प्रभारी मंत्री की नजरों से क्यों चूक रहा है जबकि यहां पर अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है।