उज्जैनदेवासभोपालमध्य प्रदेश

जर्जर भवनों में रहते हैं पुलिसकर्मी, नहीं है किसी का इस ओर ध्यान

जर्जर हो चुके भवन की 50 सालों के बाद ली जा रही सुध…!
वर्षा काल को देखते हुए जर्जर भवन खाली होंगे
पुलिस के परिवारों की नवीन आवासीय परिसर में होगी व्यवस्था
देवास।
वर्षा ऋतु आरंभ हो चुका है, जिसके तहत शहर में निगम ने जर्जर भवनों की एक सूची जारी कर भवनों के मालिकों को नोटिस देकर उन्हें भवन खाली करने के लिए कह दिया है। वहीं शहर के बीचो बीच पुलिस पहले शासकीय भवन भी जो जर्जर अवस्था में आ गए थे, उन्हें भी खाली कर जमींदोज कर दिया था। वहीं हादसों को निमंत्रण देते और भी भवन शहर के बीच बने हैं। जिनमें अभी भी रहवासी निवास कर रहे हैं। यह रहवासी और कोई नहीं पुलिस विभाग में पदस्थ अधिकारी व सैनिकों के परिवार हैं जो वर्षों से ऐसे भवन में निवासरत हैं जो कभी भी हादसे का शिकार हो सकता है। इस विषय को लेकर समाचार लाइन ने पुलिस अधीक्षक से चर्चा की तो उन्होनें भी कहा की आपके द्वारा ही मुझे जर्जर हो चुके भवन का मामला संज्ञान में आया है, मुझे इन भवनों की दशा के बारे में जानकारी नहीं थी। जल्द ही पुलिस अधिकारीयों के इन क्वाटरों को खाली कराकर उन्हें दूसरी जगह पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। वहीं जीर्ण-शीर्ण हालत में जो यह भवन पंहुच गये है, उसे तोड़कर नवीन भवन बनाने की कार्रवाई की जाएगी। जबकि अब तक पुलिस विभाग में पदस्थ अधिकारीयों ने इसकी सुध लेने का कोई विचार नहीं किया था। वहीं अब वर्तमान पुलिस अधीक्षक इसकी सुध लेने का विचार जमा चुके हैं वह अब इस पर विचार करेंगे। यहां पर सबसे बड़ा सवाल यह है की लापरवाही विभागीय अधिकारी की रही लेकिन सुध लेने वाला कोई भी अधिकारी पिछले 50 वर्षों में सामने नहीं आया।
पुलिस विभाग जो आमजन की सुरक्षा हेतु दिन हो या रात या किसी भी प्रकार का कोई मौसम क्यों न हो सदैव आमजन की सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। पुलिस विभाग के खासतौर पर सैनिक किस दशा में निवास करते हैं। इसकी जानकारी विभाग के आला अधिकारीयों को तो है लेकिन वह यह नहीं देखते की उनके क्वाटर किस तरह बने है उनकी दशा क्या है। इन सभी बातों को लेकर विभाग के बने क्वाटरों को जब हमने देखा तो पाया की यहां पर भवन की हालत इस तरह हो गई है की कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। जिससे बड़ी जनहानी भी हो सकती है। कोतवाली थाने के नजदीक ही पुलिस विभाग के क्वाटर बने हुए हैं, बताया जाता है की इन क्वाटरों को बने हुए लगभग 50 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। जिस पर कभी भी कोई मरम्मत जैसा कार्य अब तक नहीं किया गया। जिस पर हालत ऐसे हो गए है की यहां पर भवन कब गिर जाए इसका भी कोई भरोसा नहीं है। कहा जाए तो जवानों के इस रहवासी भवन में जवान व परिवार भी हादसों के बीच जीवन यापन कर रहे हैं। हाँलाकि विभागीय सूत्र बताते हैं की इसकी हालत सुधरवाने के लिए बीते वर्ष विभागीय अधिकारीयों को जानकारी दी जा चुकी थी। लेकिन समय के बदलाव के साथ अधिकारी भी बदल गए और अब वर्तमान पुलिस अधीक्षक को मामला संज्ञान में आया है जिस पर उन्होनें कहा है की जल्द ही यह क्वाटर खाली कराकर मौजूद लोगों को विभाग के नये बने भवनों में भेज देंगे। ताकि कोई हादसा न हो, व जल्द ही नये क्वाटर बनाने की कवायद की जाऐगी।
इनका कहना :-
आपके द्वारा बताए जाने के बाद मुझे संज्ञान में आया है, कोतवाली थाने के आसपास हमारे आवासीय परिसर है और उनको वर्षा काल को देखत हुए खाली करवा रहे हैं। वास्तव में वह बड़े जर्जर हैं, और किसी भी स्थिति में रहने लायक नहीं है। यहां रह रहे लोगों को पहले विभागीय स्तर पर बने आवासीय परिसर में भेजेंगे। वहीं आवासीय परिसर को देखेंगे अगर वह ज्यादा जर्जर है तो उन्हें जर्जर घोषित कर जमींदोज जैसी कार्रवाई करेंगे। इस मामले को लेकर मैंने डीएसपी किरण शर्मा को अवगत करा दिया है। यहां रह रहे लोगों को आने वाले एक-दो दिनों में लोगों को नोटिस देंगे। वैस कोतवाली थाने के पास आवासीय परिसर होना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि थाने के पास होने से कोई भी घटना दुर्घटना होने पर तत्काल अधिकारी व जवान मौजूद हो सके।
पुलिस अधीक्षक
चंन्द्रशेखर सोलंकी