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ए.एस.जी. आई सुपरस्पेशलिटी अस्पताल इन्दौर में आज खोलेगा 29वीं शाखा

इन्दौर। देशभर में नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणीय सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल एएसजी 25 जुलाई से अपनी 29वीं शाखा की शुरूआत इन्दौर में करेगा। इससे पहले देश के 13 राज्यों के 21 शहरों में इसकी 28 शाखाएं चल रही है। इसमें राजस्थान (7 शाखाएं), बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आसाम, झारखंड, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, उड़ीसा, गुजरात, पंजाब और महाराष्ट्र शामिल हैं। इस अस्पताल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका संचालन एम्स दिल्ली के पूर्व नेत्र विशेषज्ञ करते हैं।

शनिवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डॉ. विकास जैन ने बताया कि एम्स के अनुभवी डॉक्टरों डॉ. अरूण सिंघवी व डॉ. शशांक गांग ने 2005 में एएसजी के नाम से आई सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की शुरूआत की थी। उनकी और इससे जुड़े अन्य डॉक्टरों की मेहनत के कारण आज ए एस जी नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में सबसे भरोसेमंद नाम बन गया है। वर्तमान में तीन देशों व भारत के 13 राज्यों के 21 शहरों में इसकी 28 शाखाएं सफलतापूर्वक चल रही हैं। सभी अस्पतालों का संचालन एम्स नई दिल्ली से प्रशिक्षित अनुभवी सर्जन कर रहे हैं। इसलिए अब एम्स की गुणवत्ता वाली नेत्र चिकित्सा इन्दौर में भी उपलब्ध होगी। एम.जी. रोड पर टी.आई. मॉल के पास एम्बैसी बिल्डिंग में एएसजी का अस्पताल खोला गया है। जहां एक ही छत के नीचे आंख से संबंधित सभी गंभीर बिमारियों का इलाज किया जाएगा। मोतियाबिंद (फैको), लेसिक, विट्रेओ-रेटिना, ऑकुलोप्लास्टी, कॉर्निया , स्किवट, पीडियाट्रिक ऑप्थल्मोलॉजी, न्यूरो-ऑप्थल्मोलॉजी जैसी अन्य सभी सुविधाओं के साथ 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं भी मिलेंगी। सभी शल्य क्रियाएँ स्टेनलेस स्टील के मॉडुलर ओ. टी. में की जाएगी यह सुविधा देश में कुछ ही गिने चुने नेत्र चिकित्सालय में उपलब्ध हैं । खास बात यह है मरीजो की सुविधा के लिए रविवार को भी डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे।

डॉ. अर्चिता सिंह ने कहा कि यहाँ सभी प्रकार के मोतियाबिंदो का इलाज अत्याधुनिक फैको तकनीक के माध्यम से किया जायेगा साथ ही साथ नए मल्टीफोकल लेन्सेस जिसमें की मोतियाबिंद के बाद चश्मे की आवश्यकता नहीं रहती, के प्रत्यारोपण की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी ऑपरेशन बिना किसी सुई टाका या पट्टी के किये जायेंगे। हमारा ध्येय सभी वर्गों के लोगों को सर्वोत्तम नेत्र चिकित्सा न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध कराना है।
डॉ. ललित नारायण गुप्ता ने कहा कि अब नवनीतम क्यू-लेसिक तकनीक से हाई पावर के चश्मे के नंबर भी हटाये जा सकते हैं। इस तकनीक से सर्जरी के रिजल्ट बहुत अच्छे हैं। ASG में नवीनतम Alcon Allegrato wellight क्यू-लेसिक लेसर की तकनीक में मरीज आपरेशन के कुछ मिनट बाद ही साफ देखने लगेगा।
डॉ. विनीत मूथा ने बताया कि आजकल डायबिटिक की वजह से आँख के परदे में आने वाली खराबी यानी डायबिटिक रेटिनोपैथी भारत में अंधेपन का एक प्रमुख कारण बन गया है। नियमित जाँच व इलाज से नजर को बचाया जा सकता है विट्रियस हेमरेज व परदे के ऑपरेशन के लिए अत्याधुनिक 25G व 27G की सुविधा उपलब्ध है वहीं प्रीटर्म नवजात शिशुओं के परदे की जाँच व उपचार सुविधा भी उपलब्ध है ताकि ROP का सही समय पर निदान व उपचार हो सकें।

हमारे डॉक्टरों के बारे में:-
डॉ. विकास जैन
एम.बी.बी.एस., एम.डी. (एम्स, नई दिल्ली) FICO (ऑप्थल्मोलॉजी)

डॉ. विकास जैन ए एस जी नेत्र चिकित्सालय में फेको-मोतियाबिंद, Squint, रेटिना और कॉर्निया सर्जरी विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत है। डॉ. विकास जैन को 35000+ फेको, Squint रेटिना, कॉर्नियल और अन्य सर्जरी का अनुभव है।

डॉ. ललित नारायण गुप्ता
एम.बी.बी.एस., एम.एस. (ऑप्थल्मोलॉजी) Lasik, Femto-Cataract विशेषज्ञ

डॉ. ललित गुप्ता पिछले 7 साल से ए एस जी नेत्र चिकित्सालय में क्यू-लेसिक व फैको विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत है अत्याधुनिक फेम्टो कैटरेक्ट में विशेष अनुभव है डॉ. गुप्ता 9000 से ज्यादा क्यू-लेसिक, फेम्टो कैटरेक्ट फैको सफलता पूर्वक कर चुके है।

डॉ. विनीत मूथा
एम.बी.बी.एस., एम.डी. (एम्स, नई दिल्ली), FICO(UK), SR-RETINA, UVEA & ROP(ऑप्थल्मोलॉजी)

डॉ. विनीत मुथा ए एस जी नेत्र चिकित्सालय में विट्रो-रेटिना विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत है। डॉ. विनीत ने अपने 6 साल के कार्यकाल के दौरान डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सेंटर फॉर ऑप्थल्मिक साइंसेस, एम्स, नई दिल्ली से विट्रो-रेटिना सर्जरी, मोतियाबिंद सर्जरी, Uvea and ROP प्रबंधन में महारत हासिल की है। डॉ. विनीत मुथा को 7000+ रेटिना शल्य क्रिया (जिसमें कई जटिल सर्जरी शामिल है) का अनुभव प्राप्त है। डॉ. विनीत मुथा ने कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय शोध पत्रों और पुस्तकों में योगदान दिया है वह ऑप्थल्मोलॉजी की अंतराष्ट्रीय परिषद् के सदस्य भी है।

डॉ. अर्चिता सिंह
एम.बी.बी.एस., एम.डी. (एम्स, नई दिल्ली), FICO, FAICO ( कॉर्निया और रिफ्रेक्टिव सर्जरी) (ऑप्थल्मोलॉजी)

डॉ. अर्चिता सिंह ए एस जी नेत्र चिकित्सालय में कॉर्निया , मोतियाबिंद और रिफ्रेक्टिव सर्जरी विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत है। डॉ. अर्चिता पीडियाट्रिक मोतियाबिंद सहित सभी प्रकार के मोतियाबिंद (Phaecoemulsification) की शल्य चिकित्सा में विशेषज्ञता प्राप्त की है। कॉर्नियल ट्रांसप्लांटेशन सर्जरी फुल थिकनेस (PK) और Lameller सर्जरी के साथ-साथ आँख की सतह सम्बन्धी विकारों के उपचार में निपूर्णता प्राप्त है। डॉ. अर्चिता को ऑक्युलर ट्रामा के प्रबंधन और Penetrating anterior segment injuries के इलाज का भी व्यापक अनुभव है।